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Indian Railway: यात्रियों और कर्मचारियों की समस्‍याओं को सुलझाने में लखनऊ पूर्वोत्तर रेलवे मंडल बना नंबर वन

रेल मदद पोर्टल पर पूर्वोत्तर रेलवे पूरे भारतीय रेल में यात्रियों के परिवादों के निस्तारण में प्रथम स्थान पर है। इसमें लखनऊ मंडल का योगदान 60 प्रतिशत रहा। सभी विभागों के बीच नियमित पत्राचार लिए डिजिटल रूप से कार्य किया जा रहा है।

By Rafiya NazEdited By: Published: Thu, 25 Mar 2021 11:57 AM (IST)Updated: Thu, 25 Mar 2021 03:15 PM (IST)
पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में सबसे तेज कर्मचारियों के परिवादों का निस्तारण हो रहा है।

लखनऊ, जेएनएन। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में सबसे तेज कर्मचारियों के परिवादों का निस्तारण हो रहा है। केवल नौ मिनट में ही उनकी शिकायतों का निस्तारण संबंधित अनुभाग कर रहे हैं। यही कारण है कि आज रेलवे मंडल प्रशासन के पास लंबित प्रकरण शून्य हो गए हैं। यह बातें डीआरएम डा. मोनिका अग्निहोत्री ने बुधवार को पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की रेल कर्मचारियों की प्रबंधन में सहभागिता (प्रेम) बैठक में कहीं। 

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वर्चुअल बैठक में उन्होंने कहा कि रेल मदद पोर्टल पर पूर्वोत्तर रेलवे पूरे भारतीय रेल में यात्रियों के परिवादों के निस्तारण में प्रथम स्थान पर है। इसमें लखनऊ मंडल का योगदान 60 प्रतिशत रहा। सभी विभागों के बीच नियमित पत्राचार लिए डिजिटल रूप से कार्य किया जा रहा है। इसके लिए वेतन, छुट्टी के आवेदन, पदोन्नति, सेवानिवृत्ति व अन्य कार्य के लिए एक डिजिटल ई-कियोस्क बनाया है । इससे डिजिटल रूप से जुड़े मंडल के सभी विभाग द्वारा ई-ऑफिस से कम समय में फाइलों को अदान प्रदान कर समय पर परिवादों का निस्तारण कर सकें। 

बैठक में एडीआरएम परिचालन शिशिर सोमवंशी, एडीआरएम इंफ्रा संजय यादव, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. संजय श्रीवास्तव, प्रथम श्रेणी अधिकारी एसोसिएशन के अध्यक्ष व एडीआरएम प्रशासन राघवेंद्र कुमार, प्रमोटी आफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कार्तिकेय सिंह, एनई रेलवे मजदूर यूनियन के संजीव कुमार श्रीवास्तव, एससी/एसटी कर्मचारी एसोसिएशन के मंडल मंत्री राम प्रकाश और अखिल भारतीय ओबीसी फेडरेशन के उपाध्यक्ष व मंडल मंत्री एसवी यादव मौजूद थे। 

लोको पायलटों ने प्रदर्शन किया: रेलवे में रनिंग स्टाफ  लोको पायलट को लाइन बाक्स बंद कर उसकी जगह ट्राली बैग दिए जाने को लेकर बुधवार को डीजल लाबी चारबाग में ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ  एसोसिएशन के बैनर तले प्रदर्शन किया। एसोसिएशन के शाखा सचिव प्रभात मौर्या ने कहा कि टूल बाक्स में  दो जोड़ी कपड़े, पानी, तौलिया, साबुन तेल, सेविंग किट, इमरजेंसी राशन आदि होता है। इसका वजन सात से दस किलो तक हो जाता है। यही नहीं बाक्स में डेटोनेटर एक्स्लोसिव सामग्री भी होती है, जिसे ट्राली बैग में रखना खतरनाक भी है। शाखा सचिव प्रभात मौर्या ने सुझाव दिया कि इंजन में ही टूल बाक्स फिट कराया जाए। 


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