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अब जंक्शन से चलेगी लखनऊ मेल ; आम्रपाली एक्सप्रेस में खानपान की सुविधा शुरू

लखनऊ मेल के लखनऊ जंक्शन शिफ्ट होने से चारबाग स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर एक से और टेनों का संचालन हो सकेगा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 30 Sep 2018 04:12 PM (IST)Updated: Sun, 30 Sep 2018 04:12 PM (IST)
अब जंक्शन से चलेगी लखनऊ मेल ; आम्रपाली एक्सप्रेस में खानपान की सुविधा शुरू

लखनऊ(जेएनएन)। रेलवे अपनी वीआइपी ट्रेन लखनऊ मेल को अब चारबाग स्टेशन की जगह लखनऊ जंक्शन से चलाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए उत्तर व पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन के बीच सहमति बन गई है। इससे पहले चारबाग से चलने वाली शताब्दी एक्सप्रेस को लखनऊ जंक्शन शिफ्ट किया गया था।

दरअसल, लखनऊ जंक्शन के कैबवे पर यात्री सीधे अपनी बोगी तक वाहनों से पहुंच जाते हैं। शताब्दी एक्सप्रेस के यात्रियों को यह सुविधा मिल रही है। जिसके बाद कई दिनों से लखनऊ मेल को भी लखनऊ जंक्शन शिफ्ट करने की मांग की जा रही है। लखनऊ मेल के लखनऊ जंक्शन शिफ्ट होने से चारबाग स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर एक से और टेनों का संचालन हो सकेगा। इसे लेकर ही दोनो मंडलों के बीच कई बार बैठक की गई थी। बैठकों के बाद दोनों के बीच सहमति बन गई है।

उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के डीआरएम सतीश कुमार ने बताया कि लखनऊ मेल को लखनऊ जंक्शन से चलाए जाने पर आपसी सहमति बन चुकी है। जल्द ही ट्रेन का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। वहीं, पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने चारबाग स्टेशन से जाने वाली वैशाली एक्सप्रेस, गोरखधाम, कटिहार एक्सप्रेस, कुशीनगर एक्सप्रेस को ऐशबाग शिफ्ट करने का प्रस्ताव भेजा है। इससे चारबाग स्टेशन पर यात्रियों का दबाव कम हो जाएगा।

आम्रपाली एक्सप्रेस में खानपान की सुविधा शुरू

रेलवे ने आम्रपाली एक्सप्रेस में गोरखपुर से लखनऊ के बीच खानपान की सुविधा शुरू कर दी। ट्रेन साइड वेंडिंग योजना के तहत आइआरसीटीसी ने यात्रियों को खानपान की सुविधा देना शुरू कर दिया है। सोमवार तक गोरखपुर लखनऊ रूट की कई ट्रेनों में भी यात्रियों को बेहतर खाना मिलेगा। लंबी दूरी की कई ट्रेनों में अब भी रसोई यान की सुविधा नहीं है। ऐसे में यात्रियों को खानपान के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसे लेकर रेलवे ने बिना रसोई यान वाली ट्रेनों में ट्रेन साइड वेंडिंग योजना लागू करने का निर्देश दिया है। इसके चलते रिफ्रेशमेंट रूम से बना हुआ खाना और खानपान की वस्तुएं लेकर यात्रियों को चलती ट्रेन में बेचा जाएगा। हर ट्रेन में एक मैनेजर और सात कर्मचारी होंगे। इससे सुविधा मिलेगी।


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