सत्रहवीं विधानसभा मे दिख रहा केसरिया बाना, तिलक, संस्कृत और सेल्फी
पहली मर्तबा निर्वाचित होने वाले सदस्यों की संख्या अधिक है तो शपथ लेते समय हड़बड़ाहट भी खूब दिखी। कोई अपना नाम पढऩा भूल गया तो कई शपथ पत्र ठीक से नहीं पढ़ पाया।
लखनऊ (जेएनएन)। 17वीं विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों ने मंगलवार को शपथ ग्रहण की। पहली मर्तबा निर्वाचित होने वाले सदस्यों की संख्या अधिक है तो शपथ लेते समय हड़बड़ाहट भी खूब दिखी। कोई अपना नाम पढऩा भूल गया तो कई शपथ पत्र ठीक से नहीं पढ़ पाए। सदन में केसरिया रंग की बहार थी। नेता सदन योगी आदित्यनाथ ही केवल भगवाधारी नहीं थे वरन बड़ी संख्या में सत्तापक्ष के सदस्य भी केसरिया वस्त्र पहने हुए थे। मस्तक पर तिलक लगाए सदस्यों की संख्या भी अच्छीखासी थी। पहली बार सदन में 13 सदस्यों ने संस्कृत भाषा में शपथ ली। नए विधायकों में सभागार में अपने मोबाइल फोन से सेल्फी लेने की होड़ थी।
कार्यवाहक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) फतेह बहादुर सिंह ठीक 11 बजे सदन में पहुंचे। लगभग उसी समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पहुंच गए। योगी के पहुंचे तो चरण स्पर्श करने के लिए सत्ताधारी सदस्यों में होड़ लगी। सदन व्यवस्थित कराने में प्रोटेम स्पीकर को अनेक बार सख्त लहजे में निर्देश देने पड़े। करीब दस मिनट में स्थिति शांत हो सकी और बसपा के वरिष्ठ सदस्य रामवीर उपाध्याय ने शपथ दिलानी शुरू की।
दोबारा शपथ लेनी पड़ी : पहली शपथ कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने ली लेकिन, अपना नाम पढऩा ही भूल गए। ऐसे में उन्हें दोबारा शपथ लेनी पड़ी। सत्यदेव पचौरी, जयप्रकाश निषाद, गुलाब देवी, व धर्मसिंह सैनी को अशुद्ध उच्चारण के लिए टोकना पड़ा। राज्य मंत्री संदीप सिंह भी पढऩे में हड़बड़ा गए।
वेल में पहुंचे, विपक्ष में जा बैठे : नए सदस्यों को सदन के अनुशासन के बारे में जानकारी नहीं होने के कारण वेल में पहुंचने पर सुरक्षा कर्मी टोकाटाकी करते भी दिखे। मंत्री एसपी बघेल, अतुल गर्ग, ब्रजेश पाठक, गिरीश यादव, बलदेव औलख और मनोहरलाल जैसे अनेक वेल से होकर शपथ लेने पहुंचे। बैठने के स्थान की जानकारी न होने के कारण सत्ता पक्ष के कई सदस्य खाली सीट देखकर विपक्ष में जा बैठे, जिनको समझाकर दूसरी ओर बैठाया गया।
बधाइयों का दौर, सेल्फी की होड़ : सदन के भीतर बधाई का सिलसिला भी खूब चला। हृदय नारायण दीक्षित लगभग सभी सदस्यों के पास जाकर मिले तो स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा सदस्यों में बीच पहुंचकर खूब चुटकी ली। रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेसियों से मिलने पहुंच गईं तो सतीश महाना व राधामोहनदास अग्रवाल, लोकेंद्र सिंह और आराधना मिश्रा मोना भी बधाई देने में आगे रहीं। बुंदेलखंड के अशोक चंदेल और प्रकाश द्विवेदी इलाकाई चर्चा में मशगूल नजर आए। सदन में पहली बार आए सदस्यों को अपने मोबाइल फोन से वरिष्ठ नेताओं के साथ सेल्फी लेनी की होड़ थी।
13 सदस्यों ने संस्कृत में शपथ ली : बुलंदशहर में अनूपशहर क्षेत्र से पहली बार चुन कर आए संजय शर्मा ने सबसे पहले संस्कृत भाषा में शपथ लेने की शुरुआत की तो यह सिलसिला आरम्भ हो गया। अनुपमा जायसवाल, सुरेश श्रीवास्तव, नीरज वोरा, धीरेंद्र सिंह, शंशाक त्रिपाठी, चंद्रिका प्रसाद, सतीश चंद द्विवेदी, चंद्र प्रकाश उर्फ सीए चंद्र प्रकाश, पवन कुमार, सुरेंद्र सिंह, धनंजय कन्नौजिया और सुरेंद्र नारायण ने भी संस्कृत में शपथ ग्रहण की। अंग्रेजी या उर्दू में किसी ने शपथ नहीं ली। मुजफ्फरनगर के कपिल अग्रवाल ने शपथ लेने के बाद भारत माता की जय, नारा लगाया तो पूरन प्रकाश ने गिरिराज महाराज का जयकार लगाया।
दूसरे दिन पहुंचे सपा व कांग्रेस सदस्य
पहले दिन शपथ लेने वालों में सपा और कांग्रेस के सदस्यों की संख्या थी। नेता विरोधी नामित किए रामगोविंद चौधरी भी नहीं पहुंचे, वहीं आजम खां व उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम, मनोज पांडेय, शिवपाल सिंह यादव, उज्जवल रमण, संग्राम यादव, शैलेंद्र यादव ललई जैसे नेताओं का सदन में नहीं पहुंचना भी चर्चा में रहा। कांग्रेस का दलनेता नहीं चुने जाने को लेकर भी सवाल उठ रहे थे।
एक घंटा बैठे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सदन में करीब एक घंटा ही बैठे। उनके चले जाने के बाद अन्य मंत्री भी एक-एक कर जाते रहे। समारोह की कार्रवाही करीब पौने तीन बजे समाप्त होने तक केवल गन्ना राज्यमंत्री सुरेश राणा ही सरकार की ओर से मोर्चा संभाले थे। मंत्री श्रीकांत शर्मा, सिद्धार्थनाथ सिंह, पंकज सिंह जैसे भी पहले दिन शपथ लेने को नहीं पहुंचे। अभी 84 सदस्यों का शपथ लेना शेष है। शपथ समारोह बुधवार को भी सुबह 11 बजे शुरू होगा।