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फ्लाइंग क्लब अब यूपी में 13 हवाई पट्टियों पर दे सकेंगे ट्रेनिंग, योगी कैबिनेट ने नीति को दी मंजूरी

योगी कैबिनेट ने उड्डयन के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए फ्लाइंग क्लब व अकादमियों को हवाई पट्टियों के उपयोग की नीति को स्वीकृति प्रदान कर दी है। प्रदेश की कुल 13 हवाई पट्टियों को उड्डयन के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने के लिए अनुमति दी गई है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 16 Aug 2021 11:53 PM (IST)Updated: Mon, 16 Aug 2021 11:56 PM (IST)
यूपी में फ्लाइंग क्लब व अकादमियों को हवाई पट्टियों के उपयोग की नीति को मंजूरी।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। योगी कैबिनेट ने सोमवार को 'उड्डयन के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए फ्लाइंग क्लब व अकादमियों को हवाई पट्टियों के उपयोग की नीति' को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके तहत प्रदेश की कुल 13 हवाई पट्टियों व उनकी परिसंपत्तियां को उड्डयन के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने के लिए अनुमति दी गई है। जिन हवाई पट्टियों में अनुमति मिली है उनमें अकबरपुर (अंबेडकरनगर), अंधऊ (गाजीपुर), श्रावस्ती, फर्रुखाबाद, धनीपुर (अलीगढ़), अमहट (सुल्तानपुर), म्योरपुर (सोनभद्र), सैफई (इटावा), पलिया (खीरी), झांसी, रसूलाबाद (कानपुर देहात), आजमगढ़ व चित्रकूट शामिल हैं।

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यूं तो उत्तर प्रदेश सरकार के नियंत्रण में 17 हवाई पट्टियां हैं। वर्ष 2007 में इन हवाई पट्टियों के रख-रखाव, सुरक्षा राज्य सरकार की कल्याणकारी नीतियों तथा रोजगार के नए अवसरों के सृजन की प्रतिबद्धता को देखते हुए निजी संस्थाओं को उड़ान प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं वायुयान अनुरक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए अनुमति दिए जाने की नीति निर्धारित की गई थी। उस समय कुल 12 हवाई पट्टियों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के रूप में निजी संस्थाओं को उड़ान प्रशिक्षण कार्यक्रमों एवं वायुयान अनुरक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए उपयोग करने की अनुमति दी गई थी। हालांकि वर्तमान में अलीगढ़ हवाई पट्टी पर चार, सुल्तानपुर हवाई पट्टी पर एक, मेरठ हवाई पट्टी पर एक व अयोध्या हवाई पट्टी पर एक निजी संस्था अपनी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। अब सरकार ने नई नीति को हरी झंडी दे दी है।

चयनित हवाई मार्गों पर 100 फीसद वीजीएफ को मंजूरी : कैबिनेट ने उड़ान 4.1 की बिड में चयनित राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित हवाई मार्गों पर 100 फीसद वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) का भुगतान प्रदेश सरकार द्वारा करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। सरकार ने तीन वर्ष के लिए वार्षिक आधार पर प्रतिवर्ष वीजीएफ पर खर्च के लिए 256 करोड़ 28 लाख 32 हजार 170 रुपये का भुगतान किए जाने के लिए वचनबद्धता के संबंध में सहमति भी प्रदान की गई है। कैबिनेट ने अन्य बिंदुओं पर निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत कर दिया है। इस निर्णय से प्रदेश में नागरिक उड्डयन क्षेत्र का विकास होगा, जिससे व्यावसायिक, औद्योगिक क्षेत्र के साथ-साथ पर्यटन, चिकित्सा आदि क्षेत्रों में भी प्रगति होगी।

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