लखनऊ: मायावती के करीबी अफसर रहे नेतराम पर अब ED भी कस सकता है शिकंजा
आयकर विभाग की कार्रवाई पूरी होने का इंतजार। मुखौटा कंपनियों की जांच में खुल सकते हैं कई और राज।
लखनऊ, जेएनएन। आयकर विभाग की छापेमारी के बाद सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी नेतराम पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी शिकंजा कस सकता है। हालांकि जांच एजेंसी प्रकरण में आयकर विभाग की ओर से एफआइआर दर्ज कराये जाने अथवा कोई शिकायत मिलने पर ही कदम बढ़ा सकेगी।
ईडी की नजर खासकर नेतराम की मुखौटा कंपनियों पर है, जिनके जरिये करोड़ों का निवेश किया गया है। इन कंपनियों में नेतराम ने अपने करीबियों को अधिकारी बनाया था। सूत्रों का कहना है कि कोलकता से जुड़ी कुछ मुखौटा कंपनियों के बारे में ईडी जानकारी जुटा रही है। इन कंपनियों के अधिकारियों व उनके जरिये किये निवेश के बारे में पता कराया जा रहा है।
दरअसल, आयकर विभाग की ओर से प्रकरण में एफआइआर दर्ज कराये जाने पर ईडी उसे मनी लांड्रिंग के केस का आधार बना सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के प्रमुख सचिव रह चुके नेतराम की लखनऊ स्थित संपत्तियों का ब्योरा भी जुटाया जा रहा है। वहीं, लखनऊ के एक बड़े कपड़ा व्यवसायी पर भी जांच एजेंसियों का शिकंजा कस सकता है। आयकर टीम ने कपड़ा व्यवसायी के यहां भी लंबी छानबीन की थी।
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छापे में मिली थी करोड़ों की संपत्ति
आयकर विभाग ने नेतराम व उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान 225 करोड़ से अधिक की संपत्तियों के दस्तावेज, दो करोड़ रुपये, बेनामी लग्जरी कारें व 50 लाख रुपये के मोंट ब्लांक पेन मिले थे। नेतराम की 30 मुखौटा कंपनियों की जांच में कई अहम तथ्य सामने आ सकते हैं।
अलग-अलग मकानों से मिली नकदी
छापेमारी में नेतराम के लखनऊ स्थित मकान से 18 लाख रुपये, दिल्ली स्थित जीके-1 स्थित मकान से 86 लाख रुपये और उनसे जुड़े एक व्यक्ति से 60 लाख रुपये नकद मिले हैं। इसके अलावा 50 लाख रुपये एक लॉकर में रखे होने की सूचना भी मिली है।