बैकडेट में खूब खपाई काले धन की कमाई,शुभ-अशुभ देखे बिना खरीदारी
अचानक गाड़ी, मकान और गहने खरीदने की बात दूर जो-मुहूर्त देखे बिना कदम भी बाहर नहीं निकालते थे, वे पुराने नोट खपाने की ललक में बिना सोचे बाजार दौड़ पड़े।
लखनऊ (जेएनएन)।
- नोटबंदी के बाद नोएडा में फ्लैटों की बैकडेट में बुकिंग करने वाले एक बिल्डर के पास से 20 करोड़ रुपये मिले, लेकिन बिल्डर एक भी बुकिंग का एग्रीमेंट नहीं दिखा पाया।
- लखनऊ में एक ज्वेलर्स ने दो से सात नवंबर के बीच की बिक्री दिखा कर बैंक में 11.87 करोड़ रुपये जमा कर दिए, लेकिन उसके यहां खरीदारों का कोई विवरण नहीं था।
- एक कारोबारी ने बैकडेट में महंगी लक्जरी कार बुक कराते हुए करीब सवा करोड़ रुपये का नकद भुगतान पुराने नोटों में कर दिया। अब आयकर पड़ताल कर रहा है।
यूं अचानक गाड़ी, मकान और गहने खरीदना तो दूर की बात रही, जो लोग घड़ी-मुहूर्त देखे बिना घर से कदम भी बाहर नहीं निकालते थे, वे नोटबंदी होते ही बिना कुछ सोचे बाजार दौड़ पड़े। ललक सिर्फ पुराने नोट खपाने की थी। बाजार ने आठ नवंबर से पहले गुजर चुकी तारीखों में पर्चा काटने की बात कही तो खरीदारों ने भी शुभ-अशुभ सोचे बिना नोट थमा दिए। नतीजा यह कि आयकर विभाग अब राहू-केतु बन कर बेचने और खरीदने वाले, दोनों पर मंडराने लगा है।आयकर विभाग के पास जो सूचनाएं अब पहुंच रही हैं, उससे यह तस्वीर पूरी तरह साफ है कि नोटबंदी के बाद काले धन की कमाई बैकडेट में खपाई गई है। बैकडेट में भी कारोबारी बहुत पीछे तक नहीं गए हैं। नवरात्र, दशहरा, धनतेरस और दीपावली, सब अक्टूबर में गुजर चुके थे। कारोबारियों की किताबों में इसकी लिखापढ़ी भी हो गई थी। इसी वजह से बैकडेट को अक्टूबर में ले जाना संभव नहीं था, लेकिन इत्तेफाक से बैकडेटिंग के लिए उन्हें नवंबर का पूरा पहला हफ्ता मिल गया। इसका खूब फायदा उठाया गया। आयकर अधिकारी बताते हैैं कि रियल इस्टेट, ज्वेलर्स और गाडिय़ों के कारोबार में दो से सात नवंबर की बैकडेट में सैकड़ों करोड़ रुपये का कारोबार हो गया।
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गाडिय़ों के शोरूमों की होगी जांच
गलती सबसे होती है, आयकर अधिकारियों से भी हो गई। जब उन्हें पता चला कि पुराने नोटों से खूब गाडिय़ां खरीदी गई है तो उन्होंने सभी शोरूम से आठ से 16 नवंबर के बीच नकद बिकी कारों का विवरण मांगा। सिर्फ 17 खरीदार सामने आए, लेकिन फिर अधिकारियों को पता चला कि गाडिय़ों का भुगतान और डिलीवरी भले आठ नवंबर के बाद हुुई हो, लेकिन किताबों में एडवांस बुकिंग दिखाते हुए पूरी रकम को दो से सात नवंबर के बीच दर्ज किया गया है। इस पर आयकर विभाग ने दोबारा सभी वाहन शोरूमों को पत्र भेज कर अबकी दो से सात नवंबर के बीच हुई बुकिंग और बिक्री का ब्योरा मांगा है। आयकर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पत्र के बावजूद कई शोरूम आसानी से और जल्दी सूचना देने की मुद्रा में नहीं हैं, इसलिए ऐसे शोरूमों में आयकर की टीम को भेजने की तैयारी है। यह टीम शोरूमों के दस्तावेजों और कंप्यूटरों से अपने मतलब की जानकारी निकाल लाएगी।
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अब तेज होंगे आयकर के छापे
आयकर विभाग और प्रदेश के पुलिस महकमे के बीच का गतिरोध समाप्त हो गया है। कुछ दिन पहले तक आयकर अधिकारी छापों के लिए फोर्स न मिलने की शिकायत कर रहे थे। एडीजी एलओ दलजीत चौधरी ने भी आयकर विभाग को पत्र भेजकर फोर्स देने में असमर्थता जताई थी, लेकिन अब पुलिस के शीर्ष अधिकारी काला धन पकडऩे के लिए छापों में साथ आने को तैयार हैं। शासन के एक अधिकारी ने बताया कि इस बाबत आयकर अधिकारियों को भी आश्वस्त कर दिया गया है। उधर, आयकर के एक अधिकारी का कहना था कि फोर्स मिलते ही जांच और नतीजों में भी तेजी आना तय है।