अल्पसंख्यकों, पिछड़ों और दलितों को बनाया जा रहा निशाना : सावित्री बाई फुले
सावित्री बाई फुले बोलीं, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यों से गैर बराबरी का व्यवहार कर रही केंद्र सरकार।
लखनऊ, जेएनएन। देश की आजादी में हर धर्म के लोगों ने कुर्बानी दी। आजाद भारत में हर किसी को बराबरी का अधिकार है, लेकिन उनको वह अधिकार नहीं मिल रहे हैं। मॉब लिंचिंग से अल्पसंख्यकों, पिछड़ों व दलितों को निशाना बनाया जा रहा है। बहराइच की सांसद सावित्री बाई फुले ने ये बातें कहीं।
वे मंगलवार को राजधानी में आयोजित अल्पंसख्यक अधिकार दिवस समारोह में बोल रही थीं। भारतीय अल्पंसख्यक महासभा की ओर से प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में सावित्री बाई फुले ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सबका साथ-सबका विकास का नारा देने वाले अल्पसंख्यकों, पिछड़ों व दलितों के साथ गैर बराबरी का सलूक कर रहे हैं। बाबा साहब भीम राव आंबेडकर ने धर्मनिरपेक्ष संविधान देकर देश के हर नागरिक को समान अधिकार दिए। कुछ लोग भारत को हिंदू राष्ट्र बनाकर देश के संविधान को कमजोर करने का षड्यंत्र रच रहे हैं।
आरक्षण समाप्त करने के बाद केंद्र सरकार अब भारत के संविधान को बदलने की रणनीति बना रही है। मंदिर-मस्जिद के नाम पर लोगों को बांटने की साजिश रची जा रही है। हमें मंदिर नहीं चाहिए संविधान चाहिए। देश मंदिर, भगवान व धर्म से नहीं संविधान से चलेगा।
अधिकारों के लिए एकजुट हों अल्पसंख्यक : ओमप्रकाश
मुख्य अतिथि मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने इस अवसर पर अल्पसंख्यकों से एकजुट होकर अपने अधिकारों की लड़ाई लडऩे की अपील की। कहा कि वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठकर अपने अधिकारों के लिए आगे आएं। जो भी देश में रहता है, उसको अधिकार मिलने चाहिए। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हसीब अहमद निजामी ने अतिथियों को 20 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा। महासभा की ओर से ओमप्रकाश राजभर को डॉ. अब्दुल जलील फरीदी और सावित्री बाई फुले को बेगम रजिया सुल्तान अवार्ड दिया गया। इस अवसर पर अय्यूब हाशमी, मुहम्मद हसीन, अंजुम सिद्दीकी, सलीम राईनी आदि मौजूद थे।