Move to Jagran APP

Ayodhya Lok Sabha: लल्लू की हार से अयोध्या में अस्त हो गया ‘खांटी भाजपा’ का सूर्य, कोई ऐसा नेता नहीं बचा जाे…

लल्लू सिंह की पराजय के साथ ही रामनगरी में भाजपा के कैडर का सूर्य भी अस्त हो गया। अब जिले में एक भी ऐसा जनप्रतिनिधि नहीं हैं जो भाजपा का मूल कैडर हो। एकमात्र लल्लू सिंह ही ऐसे जनप्रतिनिधि थे जो बाल आयु से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य रहे और छात्र जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बजरंग दल और उसके बाद भाजपा में अनेक पदों पर रहे।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Sun, 09 Jun 2024 07:51 PM (IST)
Ayodhya Lok Sabha: लल्लू की हार से अयोध्या में अस्त हो गया ‘खांटी भाजपा’ का सूर्य, कोई ऐसा नेता नहीं बचा जाे…
Ayodhya Lok Sabha: लल्लू की हार से अयोध्या में अस्त हो गया ‘खांटी भाजपा’ का सूर्य।

जागरण संवाददाता, अयोध्या। निवर्तमान सांसद लल्लू सिंह की पराजय के साथ ही रामनगरी में भाजपा के कैडर का सूर्य भी अस्त हो गया। अब जिले में एक भी ऐसा जनप्रतिनिधि नहीं हैं, जो भाजपा का मूल कैडर हो। 

एकमात्र लल्लू सिंह ही ऐसे जनप्रतिनिधि थे, जो बाल आयु से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य रहे और छात्र जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, बजरंग दल और उसके बाद भाजपा में अनेक पदों पर रहे। उनके अतिरिक्त अन्य जनप्रतिनिधि खांटी भाजपा नेता नहीं रहे हैं।

दूसरे दलों से भाजपा में आए भाजपाई

महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी 2017 में भाजपा में सम्मिलित हुए थे। भाजपा से पहले वह लंबे समय तक कांग्रेस में सक्रिय थे और अनेक पदों पर भी रहे। नगर विधायक वेद प्रकाश गुप्त भी भाजपा से पहले सपा और बसपा में रहे थे। 

वर्ष 2002 में वह सपा के टिकट से अयोध्या से उम्मीदवार बने थे, जबकि 2012 में उन्होंने बसपा उम्मीदवार के तौर पर अपनी दावेदारी प्रस्तुत की थी, लेकिन दोनों ही बार हार गए। इसके बाद भाजपा में शामिल हुए और 2017 में पहली बार अयोध्या से विधायक चुने गए। 

रुदौली विधायक रामचंद्र यादव की आरंभिक पहचान पहले वामपंथी नेता के तौर पर थी। इसके बाद वह सपा व बसपा में भी रहे। 2012 के विधानसभा चुनाव से पहले वह भाजपा में शामिल हुए और रुदौली से विधायक चुने गए। 

बीकापुर के विधायक डॉ. अमित सिंह चौहान राजनीति में आने से पहले चिकित्सक थे। दिग्गज नेता रहे उनके पिता दिवंगत मुन्ना सिंह चौहान राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष रहे। डाॅ. चौहान 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में सम्मिलित हुए। 

भाजपा के मूल कैडर के नेता हैं लल्लू सिंह

लल्लू सिंह भाजपा के ऐसे जनप्रतिनिधि रहे, जो मूल कैडर हैं। 1980 में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के विभाग मंत्री, 1989 में बजरंगदल के जिलाध्यक्ष, 1991 से 1993 तक भाजपा के जिलाध्यक्ष रहे। भाजपा में प्रदेश महामंत्री और उपाध्यक्ष के साथ अनेक पदों पर दायित्वों का निर्वहन किया। वह 1991, 93, 96, 2002 और 2007 में अयोध्या से विधायक चुने गए। वह फैजाबाद संसदीय क्षेत्र से 2014 में पहली बार और 2019 में दूसरी बार सांसद चुने गए थे।

भाजपा नेतृत्व से उनकी निकटता को इसी से समझा जा सकता है कि इस बार के लोस चुनाव में उनकी उम्मीदवारी की घोषणा पहली सूची में की गई, लेकिन तीसरी बार वह चुनाव नहीं जीत सके। उनकी हार के साथ ही जिले में कैडर का प्रतिनिधित्व भी समाप्त हो गया।

यह भी पढ़ें: दरक रही ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा की नींव, इस हार से लगा तगड़ा झटका

यह भी पढ़ें: इकरा हसन के सांसद बनने के बाद विरोधी खेमा अब कर रहा यह काम, मुस्लिम बूथों पर इकरा को...