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Iqra Hasan : इकरा हसन के सांसद बनने के बाद विरोधी खेमा अब कर रहा यह काम, मुस्लिम बूथों पर इकरा को...

मुस्लिम इलाकों की मिश्रित आबादी के बूते भाजपा 100 पार कर सकी। इनमें टपराना के बूथ 78 पर भाजपा को 174 79 पर 118 मत हासिल कर सकी। गढ़ीपुख्ता के बूथ 53 पर 148 54 पर 147 पलठेडी के बूथ 24 पर 173 बसी चुंधियारी के बूथ 85 पर 113 मंसूरा के 131 व 132 पर 130-130 मत भाजपा को मिल सके।

By Anuj Kumar Edited By: Mohammed Ammar Sun, 09 Jun 2024 04:17 PM (IST)
Iqra Hasan : इकरा हसन के सांसद बनने के बाद विरोधी खेमा अब कर रहा यह काम, मुस्लिम बूथों पर इकरा को...
चुनाव में रालोद का मुस्लिमों पर नहीं दिखा प्रभाव, दिग्गज भी रहे नाकाम

अनुज सैनी, जागरण, शामली। लोकसभा चुनाव में मुस्लिम बूथों पर कमल नहीं खिला। गठबंधन का भी लाभ भी प्रत्याशी को नहीं मिला। साथ ही रालोद के मुस्लिम नेता भी वोटरों को रिझाने में पूरी तरह से विफल रहे। इसकी पुष्टि बूथवार आंकड़ें भी कर रहे हैं। वहीं, कछुआ चाल से चली साइकिल ने मुस्लिम क्षेत्र में पहुंचते ही रफ्तार पकड़ ली। इसे ना तो भाजपा का लाभार्थी कार्ड रोक पाया और ना ही सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं ही प्रभाव डाल पाईं।

कैराना लोकसभा सीट पर भाजपा-रालोद प्रत्याशी का जादू सिर्फ शामली विधानसभा क्षेत्र में चला। अन्य चारों विधानसभा क्षेत्र में सपा प्रत्याशी ने जीत दर्ज की। सपा प्रत्याशी इकरा हसन ने जाट, हिंदू गुर्जर, सैनी, दलित, ठाकुर, कश्यप समेत सभी जातियों के सेंधमारी की है। भाजपा की बात करें तो कई मुस्लिम बूथों पर तो 5, 7 और 14 तक ही वोट मिले। मिश्रित आबादी वाले कुछ बूथों पर ही दहाई और सैकड़ा प्रत्याशी छू सके। अब समीक्षा हो रही है, तो दबी जुबान में सभी गेंद एक दूसरे पर उछाल रहे हैं।

मुस्लिम बूथों पर बुरी तरह पिछड़ा कमल

थानाभवन विधानसभा क्षेत्र में भैसानी में सपा प्रत्याशी को मुस्लिमों का खूब दुलार मिला। बूथ 143 पर सपा को 700, भाजपा को 29 मत ही मिले। बूथ 144 पर सपा 418 तो भाजपा 15 मत, बूथ 145 पर सपा 441 व भाजपा को महज पांच वोट मिले। ऐसे ही पलठेडी में बूथ 23 पर सपा को 719 मत मिले, जबकि भाजपा को महज 25 मत ही मिल सके। मसावी के बूथ 156 पर सपा 751 व भाजपा को 07 मत मिले।

कैराना विस के भड़ी के बूथ एक पर 771 सपा व 27 मत भाजपा को मिले। खुरगान के 191 पर सपा 664 व भाजपा को 23, गोगवान के बूथ 165 पर सपा को 774 व भाजपा को 08 मत मिले है। शामली विस के 263 पर प्रदीप को मात्र 11 तो इकरा का 708 वोट मिले। बूथ 299 पर भाजपा को 14 व सपा को 532 मत मिले।

काफी बूथों पर 50 के नीचे तो मिश्रित में 100 का आंकड़ा पार

मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में थोड़ी बहुत भाजपा समर्थित मिश्रित आबादी में भी भाजपा कुछ ही 100 का आंकड़ा पार कर सकी, बाकी अधिकांश बूथों पर तो हालत खस्ताहाल रही। काफी बूथों पर 50 का आंकडा तक नहीं छू पाई तो कुछ पर शतक भी न लगा सकी।

मुस्लिम इलाकों की मिश्रित आबादी के बूते भाजपा 100 पार कर सकी। इनमें टपराना के बूथ 78 पर भाजपा को 174, 79 पर 118 मत हासिल कर सकी। गढ़ीपुख्ता के बूथ 53 पर 148, 54 पर 147, पलठेडी के बूथ 24 पर 173, बसी चुंधियारी के बूथ 85 पर 113, मंसूरा के 131 व 132 पर 130-130 मत भाजपा को मिल सके। चौसाना के 6,7 व 10, हिंड के 210, 211, 212, सोंटा के 279 पर भी भाजपा 100 प्लस रही।

ये नतीजा सबको हैरान कर रहा

मुस्लिमों में भाजपा विरोध के कारण रालोद-भाजपा गठबंधन चल नहीं सका। सपा का मुस्लिम प्रेम, युवा शिक्षित महिला प्रत्याशी, हसन परिवार व सपा की रणनीति ऐसी रही कि खुद की जमीन खिसकने के डर से दिग्गज मुस्लिम नेता मुस्लिमों में पहुंचकर सपा प्रत्याशी का विरोध और कमल के लिए खुलकर वोट नहीं मांग सके।

पूर्व सांसद अमीर आलम, विधायक अशरफ अली खान, पूर्व विधायक राव अब्दुल वारिस, पूर्व विधायक नवाजिश आलम, रालोद जिलाध्यक्ष वाजिद अली समेत अनेकों नेता मुस्लिम मतों को नहीं खींच सके।