अखिलेश दास का बसपा से मोहभंग
लखनऊ (जागरण ब्यूरो)। लंबे समय तक कांग्रेस में रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री व राज्यसभा सदस्य डॉ.अखिलेश
लखनऊ (जागरण ब्यूरो)। लंबे समय तक कांग्रेस में रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री व राज्यसभा सदस्य डॉ.अखिलेश दास का अब बहुजन समाज पार्टी से मोहभंग हो गया है। करीब साढ़े छह वर्ष बसपा में रहने के बाद डा. दास ने कल पार्टी के सभी पदों से त्याग पत्र दे दिया है।
दिल्ली में मौजूद बसपा प्रमुख मायावती को पत्र भेजकर डा. दास ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता तथा सभी पदों से त्याग पत्र देने की बात कही है। राज्यसभा सदस्य और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव का दायित्व संभाल रहे अखिलेश दास ने बसपा प्रमुख से तत्काल त्याग पत्र स्वीकारने का अनुरोध किया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री व लखनऊ के पूर्व मेयर डा. दास वर्ष 2008 में तब बसपा में शामिल हुए थे जब प्रदेश में पार्टी की सरकार थी। पार्टी में शामिल होते ही डा. दास को बसपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया था। 2009 में वह पार्टी के टिकट पर लखनऊ लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़े थे। पार्टी से राज्यसभा सदस्य डा. दास का कार्यकाल 25 नवंबर को ही समाप्त हो रहा है। डा. दास के इस्तीफा देने पर बसपा की ओर से अभी किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
वैसे तो बसपा ने राज्यसभा की दो सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों के नाम नहीं तय किए हैं लेकिन माना जा रहा है कि पार्टी ने अखिलेश दास को फिर राज्यसभा सदस्य के लिए प्रत्याशी नहीं बनाया जा रहा था। डा. दास ने बसपा से इस्तीफा देने के बाद अब चर्चा इस बात कि है वह दूसरे दलों के सहयोग से फिर राज्यसभा जा सकते हैं। 25 नवंबर को राज्यसभा की दस सीटें रिक्त हो रही हैं। इनमें से छह सीटों के लिए अभी तक सपा ने ही नामांकन किया है। उत्तर प्रदेश में विभिन्न पार्टियों के विधायकों की संख्या को देखते हुए दो सीटें बसपा और एक सीट भाजपा के खाते में जानी तय है।