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नगर में पधारे श्वेताम्बर संत मुनि अमोधकीर्ति

ललितपुर: नगर में आज जैन श्वेताम्बर सम्प्रदाय के संत अमोधकीर्ति मुनि का नगर में आगमन हुआ। उन्होंने जै

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Dec 2017 11:49 PM (IST)Updated: Sun, 17 Dec 2017 11:49 PM (IST)
नगर में पधारे श्वेताम्बर संत मुनि अमोधकीर्ति

ललितपुर: नगर में आज जैन श्वेताम्बर सम्प्रदाय के संत अमोधकीर्ति मुनि का नगर में आगमन हुआ। उन्होंने जैन नया मन्दिर पहँुचकर संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज के शिष्य दिगम्बर मुनिश्री अभयसागर महाराज, मुनि प्रभात सागर महाराज के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। संत अमोधकीर्ति मुनि दिल्ली में चातुर्मास पूर्ण कर जबलपुर की ओर विहार कर रहे हैं। उनकी अगुवाई धार्मिक आयोजन समिति संयोजक मनोज बबीना, अक्षय अलया, संजीव जैन ममता स्पो‌र्ट्स, अनन्त सर्राफ, सिद्धेश्वर जमौरिया, विकास ओसवाल सीए, गेंदालाल सतभैया, अजय जैन साइकिल, कमल जैन नौहरकलाँ, मनोज जैन देवरान, विकास जैन आदि ने की। श्वेताम्बर सन्त ने बुन्देलखण्ड में धार्मिक भावनाओं की सराहना करते हुए कहा धर्म और संस्कृति धार्मिकता से ही सुरक्षित है। संत ओमधकीर्ति मुनि की दीक्षा महाश्रमण आचार्य शिवमुनि से 30 अप्रैल 1998 को हुई। वह 22 वर्ष से घर त्याग कर आत्मकल्याण कर रहे हैं। इसके पूर्व जैन नया मन्दिर में धर्मसभा में मुनि अभयसागर महाराज ने सम्बोधित करते हुए कहा धर्म धर्मायतनों की सुरक्षा का दायित्व समाज का है। इसके लिए जरूरी है धार्मिक भावनाएं बनी रहें। उन्होंने कहा इसके लिए जरूरी है बचपन में ऐसे संस्कार मिलें जिससे भविष्य संवर सके। इसके लिए उन्होंने पाठशालाओं के ज्ञान को उपयोगी बताया। धर्मसभा को मुनि प्रभातसागर महाराज एवं मुनि पूज्य सागर महाराज ने भी सम्बोधित किया। मंगलाचरण कविता जैन, आस्था द्वारा किया गया। दीप प्रज्ज्वलन महिला मण्डल ने किया एवं शास्त्र ब्रह्मचारी मनोज भैया व धर्मालुजनों ने मुनिश्री को भेंट किए।


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