जर्जर विद्युत तारों से खतरे में है जान
लखीमपुर : क्षेत्र के प्रमुख मार्गो व घरों के आगे झूल रहे जर्जर विद्युत तारों के चलते ग्रामीण खतरे मे
लखीमपुर : क्षेत्र के प्रमुख मार्गो व घरों के आगे झूल रहे जर्जर विद्युत तारों के चलते ग्रामीण खतरे में जीवन-यापन करने को विवश हैं। स्थानीय विद्युत कर्मियों को कई बार सूचना दिए जाने के बाद भी विद्युतकर्मी उदासीन रवैया अख्तियार किए हैं। इससे हर समय बड़ी दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
तिकुनिया क्षेत्र में जर्जर हो चुके विद्युत तारों से लोगों की जान खतरे में बनी हुई है। जर्जर तारों के सहारे चल रही विद्युत व्यवस्था पूरी तरह अव्यवस्था के दौर से गुजर रही है। ग्रामीणों के घरों के सामने व प्रमुख मार्गो पर झूल रहे जर्जर विद्युत तार विद्युत कर्मियों को नजर नहीं आ रहे हैं, जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना घटने की संभावना बनी रहती है। ग्रामीणों ने बताया कि जर्जर तार उनके घरों के सामने हर वक्त झूलते रहते है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार स्थानीय विद्युत कर्मियों को सूचना दी गई, परंतु आज तक ध्यान नहीं दिया गया। इधर जर्जर झूलते विद्युत तारों के चलते सुथना बरसोला मार्ग पर गुजरने वाले वाहनों, ठेला व तागा चालकों आदि को खतरा बना रहता है। यह विडंबना नहीं तो क्या है कि क्षेत्र के लोग जर्जर विद्युत तारों के चलते खौफ में बने हुए हैं, वहीं विद्युत महकमा किसी बड़ी घटना के इंतजार में बना हुआ है। इस संबंध में पूछने पर जेई विद्युत अशोक कुशवाहा ने बताया कि जल्द ही जर्जर विद्युत तारों को जल्द बदला जायेगा।
नहीं चेत रहा विभाग
तिकुनिया: क्षेत्र में जर्जर विद्युत तारों की स्थिति दिन पर दिन गिरती जा रही है, परंतु विभाग नहीं चेत रहा है। दैनिक जागरण पूर्व में भी कई बार क्षेत्र में जर्जर विद्युत तारों से होने वाली दुर्घटनाओं की संभावना को लेकर आगाह भी कर चुका है, परंतु विद्युत कर्मी पूरी तरह अनदेखी कर क्षेत्र की जनता को खतरे में डाले हुए हैं। कहीं ऐसा तो नहीं है कि विद्युत कर्मी किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहे हैं।
उपभोक्ताओं को हो रही परेशानी
तिकुनिया : जर्जर तारों के चलते क्षेत्रवासियों को बेवजह होने वाले कटौती का भी सामना करना पड़ता है। जर्जर होने की दशा में हर समय विद्युत तारों के टूटकर गिरने के चलते जब तक विद्युत कर्मियों द्वारा तार जोड़ा नहीं जाता है तब तक उपभोक्ताओं को बेवजह घंटों कटौती का सामना करना पड़ता है।