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यूपी की इस हॉट सीट पर त्रिकोणीय होगा मुकाबला, भाजपा के विजय रथ को रोकने के लिए सपा-बसपा ने उतारे दिग्गज प्रत्याशी

Lok Sabha Election 2024 साल 2009 में सीतापुर और खीरी को जोड़ कर बनाया संसदीय क्षेत्र धौरहरा इस बार अपना चौथा सांसद चुनने जा रहा है। नई संसदीय सीट बनने के बाद यहां कांग्रेस ने अपना खाता खोला और युवा नेता जितिन प्रसाद को इस सीट पर मैदान में उतारा। उन्होंने पहले चुनाव बसपा के राजेश वर्मा को 184539 से बुरी तरह हराकर जीत लिया ।

By punesh verma Edited By: Abhishek Pandey Published: Tue, 26 Mar 2024 02:01 PM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2024 02:01 PM (IST)
धौरहरा में दिलचस्प होगा त्रिकोणीय मुकाबला, हेट्रिक पर भाजपा

धर्मेश शुक्ला, लखीमपुर खीरी। साल 2009 में सीतापुर और खीरी को जोड़ कर बनाया संसदीय क्षेत्र धौरहरा इस बार अपना चौथा सांसद चुनने जा रहा है। नई संसदीय सीट बनने के बाद यहां कांग्रेस ने अपना खाता खोला और युवा नेता जितिन प्रसाद को इस सीट पर मैदान में उतारा।

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उन्होंने पहले चुनाव बसपा के राजेश वर्मा को 184539 से बुरी तरह हराकर तो जीत लिया लेकिन अगले दो बार के चुनाव लगातार भाजपा ही जीतती रही। इस बार भी भारतीय जनता पार्टी की रेखा वर्मा अपने हैट्रिक चांस के साथ मैदान में है।

विपक्षी पार्टियों ने उतारे दिग्गज प्रत्याशी

उधर भाजपा का विजय रथ रोकने के लिए यहां विपक्षी पार्टियों ने भी कमर कस ली है इस सीट पर दूसरी बार समाजवादी पार्टी के पूर्व एमएलसी व पार्टी मुखिया अखिलेश यादव के नजदीकी माने जाने वाले आनंद सिंह भदौरिया दस साल बाद दूसरी बार गठबंधन से चुनाव मैदान में है जबकि बहुजन समाज पार्टी ने यहां भारतीय जनता पार्टी के ही एक बागी उम्मीदवार श्याम किशोर अवस्थी को लोकसभा प्रभारी बनाया है।

अवस्थी एक समय सांसद रेखा वर्मा के नजदीकियों में गिने जाते थे। अगर पिछले चुनाव की बात करें तो साल 2019 में सीट पर भारतीय जनता पार्टी की रेखा वर्मा ने 512905 मत प्राप्त कर अपने निकटतम प्रतिदिन अरशद इलियास सिद्दीकी को डेढ़ लाख से ज्यादा मतों से हराया था जबकि कांग्रेस के जितिन प्रसाद और तीसरे नंबर पर रहे थे।

इससे पहले आनंद भदौरिया साल 2014 में भी चुनावी मैदान में थे और उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। इस क्षेत्र में अगर मतदाताओं के मूड की बात करें तो ब्राह्मण बाहुल्य इलाका होने के कारण इसका फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिलता रहा है।

इस क्षेत्र की विधानसभा मोहम्मदी और धौरहरा में ब्राह्मण वोट सबसे ज्यादा हैं। उधर सीतापुर की दो विधानसभा हरगांव और महोली में भी सवर्ण मतदाता हर बार भाजपा की झोली में जाते रहे हैं। इस बार भाजपा का हैट्रिक चांस है लेकिन इस विजय यात्रा के पड़ाव को रोकने के लिए दोनो ही प्रमुख दल एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।

भाजपा ने भरी ऊंची उड़ान

भाजपा ने इस सीट पर जबरदस्त उड़ान भरी 2009 के चुनाव में महज दो फीसदी मत पाकर चौथे नंबर पर रहने वाली भाजपा 2014 में 23 फीसद मत के साथ चुनाव जीती। अगले बार साल 2019 के चुनाव में भाजपा ने तो जैसे इतिहास ही रच दिया। इस बार भाजपा को धौरहरा संसदीय क्षेत्र से 48.21 प्रतिशत वोट मिले। 512905 मत पाकर इस बार भाजपा ने कांग्रेस से अपना बदला ब्याज सहित लिया और कांग्रेस को तीसरे पावदान पर खदेड़ दिया।

धौरहरा में अब तक जीते सांसद और मिले मत

वर्ष दल सांसद मिले मत प्रतिशत

2009 कांग्रेस जितिन प्रसाद 391391 30.83

2014 भाजपा रेखा वर्मा 360357 23.13

2019 भाजपा रेखा वर्मा 512905 48.21

धौरहरा क्षेत्र में मतदाताओं पर एक नजर

कुल मतदाता- 1713971

महिला मतदाता- 799759

पुरूष मतदाता- 914127

युवा मतदाता- 23760

दिव्यांग मतदाता-10605

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