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मिट्ठू हाथी को रास आ रहा दुधवा का जंगल

तनहाई से मुक्त हुए मिट्ठू हाथी को दुधवा का खुशनुमा माहौल धीरे-धीरे रास आने लगा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 10:43 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 10:43 PM (IST)
मिट्ठू हाथी को रास आ रहा दुधवा का जंगल

लखीमपुर : तनहाई से मुक्त हुए मिट्ठू हाथी को दुधवा का खुशनुमा माहौल धीरे-धीरे रास आने लगा है। यहां के हरे भरे जंगल और सीमित दायरे में घूमने टहलने की आजादी से उसके स्वभाव में परिवर्तन दिखने लगा है। यहां आने के बाद से वह अब तक एकदम शांत है और एक बार भी उग्र नहीं हुआ है। पार्क अधिकारियों को उम्मीद है कि मिट्ठू तय समय से पहले ही सामान्य हो जाएगा और उसे पूर्ण आजादी मिल जाएगी।

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चंदौली में एक ग्रामीण को कुचलकर मार देने के बाद मिट्ठू को तनहाई में डाल दिया गया था। कई महीने तक अकेले रहने के बाद भी उसके स्वभाव की उग्रता कम नहीं हुई थी। दुधवा आने के बाद उसे सोनारीपुर रेंज की गुलरा बीट में अकेले रखा गया है लेकिन, यहां पर उसे सीमित दायरे में घूमने टहलने की आजादी है। यही कारण है कि हरदम उग्र रहने वाला मिट्ठू पांच दिनों से बिल्कुल शांत है। उसने न तो किसी महावत पर हमला किया है और न ही किसी कर्मी को परेशान किया है। शांत रहकर चारा खा रहा है और आराम भी कर रहा है। हालांकि अभी उसे नियंत्रण की भाषा को लेकर दिक्कत आ रही है। महावत उसे कुछ कहते हैं तो भाषा के अंतर के कारण वह उसे ठीक से समझ नहीं पाता है और तुरंत उसका पालन भी नहीं कर पाता है लेकिन यह सामान्य बात है। इस तरह की दिक्कत कर्नाटक से आए हाथियों के साथ भी थी और कुछ समय बाद सब सामान्य हो गया था। भोजन व माहौल से मिट्ठू में आ रहा परिवर्तन दुधवा जंगल में हाथियों के खाने के लिए कोमल घास व पसंदीदा पेड़ों के पत्ते पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। मिट्ठू को निर्धारित डाइट के अलावा यह सब भी खाने को मिल रहा है जो चंदौली में उसे नहीं मिल पा रहा था। पसंदीदा भोजन व खुशनुमा माहौल से मिट्ठू के स्वभाव में परिवर्तन आ रहा है। ---

क्या कहते हैं अधिकारी

दुधवा टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक मनोज सोनकर ने बताया कि गुलरा में मिट्ठू को अलग रखा गया है लेकिन सीमित दायरे में उसे घूमने टहलने की आजादी है। उसे उसका पसंदीदा भोजन दिया जा रहा है। वह जब से आया है तब से शांत है और उसके स्वभाव में परिवर्तन महसूस किया जा रहा है। डाक्टर उसकी निगरानी कर रहे है और उसके ठीक होने पर उसे अन्य हाथियों के साथ कर दिया जाएगा।


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