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सगाई टूटने पर युवतियों ने गंगा में लगाई थी छलांग, एक की मौत

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By JagranEdited By: Updated: Thu, 03 Mar 2022 07:47 PM (IST)
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सगाई टूटने पर युवतियों ने गंगा में लगाई थी छलांग, एक की मौत

सगाई टूटने पर युवतियों ने गंगा में लगाई थी छलांग, एक की मौत

फोटो : केएसएम 8 व 9

-चचेरी बहन को गोताखोरों ने बचा लिया

-तीन दिन पहले लड़के वालों ने किया था इन्कार

संसू, टेवां: मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के शरीफपुर गांव की एक युवती की सगाई तीन दिन पहले टूट गई थी। इससे आहत युवती चचेरी बहन के साथ तीर्थ क्षेत्र कड़ा पहुंची और वहां दोनों ने गंगा में छलांग लगा दीं। इसकी जानकारी आसपास के लोगों को हुई तो उन्होंने युवतियों को बचाने का प्रयास किया। गोताखोर भी गंगा में कूदे। एक युवती को बचा लिया गया जबकि दूसरी युवती की डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

शरीफपुर निवासी स्वर्गीय जगत पासी की बेटी बीता (22) की शादी मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के तन्नापर निवासी एक युवक से तय हुई थी। इसको लेकर तैयारियां चल रही थीं। सोमवार को उसकी सगाई भी हो गई। वहीं, बीता के स्वजनों का आरोप है कि सगाई के बाद किसी बात को लेकर युवक ने शादी से इन्कार कर दिया। सगाई टूटने से बीता बहुत आहत थी। बुधवार को महाशिवरात्रि पर महेशबाबा देव स्थल पर लगे मेले में वह गई थी। वहां उसकी मुलाकात चचेरी बहन रीता (21) से हुई तो उसने सगाई टूटने की बात उससे बताई। बीता ने कहा कि वह आत्महत्या कर लेगी। रीता ने पहले उसे समझाया लेकिन वह कुछ मानने को तैयार नहीं थी। इस पर बीता वहां से चल दी। रीता भी उसके साथ ही चल पड़ी। दोनों दोपहर करीब दो बजे एक रिक्शे में बैठककर मंझनपुर आईं। यहां से शाम सात बजे वह कड़ा पहुंचीं। कुबरी घाट पर कुछ देर रहने के बाद दोनों ने एक दुपट्टे से खुद को बांध लिया और गंगा में छलांग लगा दी। एक साथ दो युवतियों के गंगा में कूदने की जानकारी जैसे ही घाट पर मौजूद लोगों को हुई। वह बचाने के लिए भागे। घाट पर मौजूद गोताखोरों ने भी छलांग लगा दी। दोनों को पानी से बाहर निकाला गया लेकिन तब तक बीता की मौत हो चुकी थी। रीता को बचा लिया गया। मामले की जानकारी होने पर पहुंची कड़ा धाम पुलिस ने घटना से स्वजनों को अवगत कराया। मौके पर पहुंचे स्वजन रीता को अपने साथ लेकर आए, जबकि पुलिस ने बीता के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

तीन साल पहले हो चुकी थी पिता की मौत

तीन साल पहले पिता की मौत के बाद बहन की शादी की जिम्मेदारी भाइयों पर आ गई थी। बहन की शादी के लिए उसके भाई चंद्रपाल प्राइवेट नौकरी, महेंद्र ईंट भट्ठे पर काम करता था, जबकि छोटा भाई लवकुश गांव में ही मजदूरी करता था। भाइयों ने मेहनत मजबूरी कर बहन की शादी की तैयारी की थी। लेकिन वह टूट गई। शादी टूटने के पीछे दहेज की मांग भी एक कारण बताया जा रहा है।

बहन को रोकने के इरादे से गई थी रीता

बीता को रोकने का प्रयास रीता ने किया लेकिन वह असफल रही। ऐसे में उसने बहन को अकेला न छोड़ने और उसके साथ रहने की योजना बनाई। उसका मानना था कि उसके मरने की बात सुनने पर घातक कदम नहीं उठाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। रीता की मानें तो वह अंतिम समय तक यही सोच रही थी कि उसके साथ होेने पर बीता ऐसा कदम नहीं उठाएगी लेकिन उसने उसकी परवाह नहीं की।