बिना किसी बाधा के दौड़ेंगी हाईस्पीड ट्रेनें, ट्रैक के दोनों ओर बनेगी दीवार
दिल्ली से हावड़ा तक सुरक्षित किया जाएगा ट्रैक, पहले चरण में कानपुर से रूरा तक कार्य का टेंडर स्वीकृत, 25 करोड़ किए गए जारी।
By AbhishekEdited By: Published: Mon, 04 Feb 2019 11:59 AM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 10:54 AM (IST)
कानपुर [जमीर सिद्दीकी]। दिल्ली से वाराणसी तक हाईस्पीड ट्रेन वंदेभारत एक्सप्रेस का ट्रायल सफल होने के बाद रेलवे ने सुरक्षित संचालन की चिंता भी शुरू कर दी है। रेलवे बोर्ड ने दिल्ली से हावड़ा तक हाईस्पीड ट्रेनों के लिए ट्रैक के दोनों ओर दीवार खींचने की योजना बनाई है। इसमें 200 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्रथम चरण में कानपुर से रूरा तक कार्य का टेंडर स्वीकृत होने के साथ ही 25 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं।
बीते शुक्रवार को कानपुर से रूरा स्टेशन तक 45 किलोमीटर लंबी दीवार खींचने की तैयारी के साथ ही बोर्ड ने पहली किस्त के रूप में 25 करोड़ रुपये इंजीनियरिंग शाखा को सौंप दिए हैं। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ट्रैक पर अक्सर बेसहारा पशु आ जाते हैं। ऐसे में हाईस्पीड ट्रेनों को रोकना आसान नहीं होगा, इसलिए ट्रैक के दोनों ओर दीवार खींचना ही विकल्प है।
सात माह का दिया समय
रेलवे बोर्ड ने ट्रैक के दोनों ओर दीवार बनाने के लिए सात माह का समय दिया है। यह भी कहा है कि जहां स्लीपर या खंभे लगाकर रेलवे की सीमा निर्धारित की गई है, वहीं से दीवार बनाई जाए। दिल्ली-हावड़ा के बीच पडऩे वाले सभी जोन के अफसरों को निर्देशित किया गया है कि अपने जोन में सात माह के अंदर दीवार बनाने का कार्य पूरा कराएं।
दिल्ली से हावड़ा तक चलेंगी कई हाईस्पीड ट्रेनें
दिल्ली-वाराणसी के बीच चलाई गई वंदे भारत एक्सप्रेस को हावड़ा तक बढ़ाने की तैयारी है, तो कई अन्य हाईस्पीड ट्रेनें भी चलाई जाएंगी। इसी को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने दीवार खींचने की तैयारी की है।
दूसरे चरण में रूरा से झींझक तक होगा काम
कानपुर से रूरा तक काम होने के बाद दूसरे चरण में रूरा से झींझक तक दीवार बनाने की तैयारी है। इसके लिए टेंडर व लागत का आकलन हो रहा है। उम्मीद है कि मार्च तक टेंडर स्वीकृत हो जाएगा।
ट्रेनों में रुकेगा अपराध, माल चोरी पर लगेगी लगाम
दिल्ली से हावड़ा तक प्रस्तावित दीवार के अंदर ही फ्रेट कॉरीडोर भी होगा। सवारी गाडिय़ों के साथ ही मालगाड़ी भी सुरक्षित रहेंगी और माल की चोरी भी नहीं हो पाएगी। इसी तरह कानपुर में गोविंदपुरी स्टेशन और झकरकटी पुल के नीचे समेत दिल्ली से हावड़ा तक ट्रैक के किनारे 2500 से अधिक अवैध-वैध बस्तियां हैं । इनमें तमाम खतरनाक अपराधी पनाह पाते हैं। आउटर पर सिग्नल नहीं मिलने पर जब ट्रेन यहां रुकती है तो शातिर गेट पर खड़े या फिर सो रहे यात्री का मोबाइल, पर्स, बैग, रुपये लेकर भाग निकलते हैं। दीवार बनने के बाद अपराधी भाग नहीं पाएंगे। कानपुर सेंट्रल स्टेशन के दोनों आउटर पर अक्सर ऐसी घटनाएं होती हैं। बीते वर्ष झकरकटी पुल के नीचे खड़ी साबरमती एक्सप्रेस के यात्री को लुटेरों ने गोली मार दी थी।
क्या बोले रेलवे अफसर
ट्रैक के दोनों ओर दीवार बनाए जाने की योजना पहले बनी थी। अब वंदेभारत एक्सप्रेस का ट्रायल सफल हो चुका है। ऐसे में दीवार बनाने की प्रक्रिया तेजी से शुरू कर दी गई है।
-डॉ. जितेंद्र सिंह, स्टेशन डायरेक्टर
बीते शुक्रवार को कानपुर से रूरा स्टेशन तक 45 किलोमीटर लंबी दीवार खींचने की तैयारी के साथ ही बोर्ड ने पहली किस्त के रूप में 25 करोड़ रुपये इंजीनियरिंग शाखा को सौंप दिए हैं। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ट्रैक पर अक्सर बेसहारा पशु आ जाते हैं। ऐसे में हाईस्पीड ट्रेनों को रोकना आसान नहीं होगा, इसलिए ट्रैक के दोनों ओर दीवार खींचना ही विकल्प है।
सात माह का दिया समय
रेलवे बोर्ड ने ट्रैक के दोनों ओर दीवार बनाने के लिए सात माह का समय दिया है। यह भी कहा है कि जहां स्लीपर या खंभे लगाकर रेलवे की सीमा निर्धारित की गई है, वहीं से दीवार बनाई जाए। दिल्ली-हावड़ा के बीच पडऩे वाले सभी जोन के अफसरों को निर्देशित किया गया है कि अपने जोन में सात माह के अंदर दीवार बनाने का कार्य पूरा कराएं।
दिल्ली से हावड़ा तक चलेंगी कई हाईस्पीड ट्रेनें
दिल्ली-वाराणसी के बीच चलाई गई वंदे भारत एक्सप्रेस को हावड़ा तक बढ़ाने की तैयारी है, तो कई अन्य हाईस्पीड ट्रेनें भी चलाई जाएंगी। इसी को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने दीवार खींचने की तैयारी की है।
दूसरे चरण में रूरा से झींझक तक होगा काम
कानपुर से रूरा तक काम होने के बाद दूसरे चरण में रूरा से झींझक तक दीवार बनाने की तैयारी है। इसके लिए टेंडर व लागत का आकलन हो रहा है। उम्मीद है कि मार्च तक टेंडर स्वीकृत हो जाएगा।
ट्रेनों में रुकेगा अपराध, माल चोरी पर लगेगी लगाम
दिल्ली से हावड़ा तक प्रस्तावित दीवार के अंदर ही फ्रेट कॉरीडोर भी होगा। सवारी गाडिय़ों के साथ ही मालगाड़ी भी सुरक्षित रहेंगी और माल की चोरी भी नहीं हो पाएगी। इसी तरह कानपुर में गोविंदपुरी स्टेशन और झकरकटी पुल के नीचे समेत दिल्ली से हावड़ा तक ट्रैक के किनारे 2500 से अधिक अवैध-वैध बस्तियां हैं । इनमें तमाम खतरनाक अपराधी पनाह पाते हैं। आउटर पर सिग्नल नहीं मिलने पर जब ट्रेन यहां रुकती है तो शातिर गेट पर खड़े या फिर सो रहे यात्री का मोबाइल, पर्स, बैग, रुपये लेकर भाग निकलते हैं। दीवार बनने के बाद अपराधी भाग नहीं पाएंगे। कानपुर सेंट्रल स्टेशन के दोनों आउटर पर अक्सर ऐसी घटनाएं होती हैं। बीते वर्ष झकरकटी पुल के नीचे खड़ी साबरमती एक्सप्रेस के यात्री को लुटेरों ने गोली मार दी थी।
क्या बोले रेलवे अफसर
ट्रैक के दोनों ओर दीवार बनाए जाने की योजना पहले बनी थी। अब वंदेभारत एक्सप्रेस का ट्रायल सफल हो चुका है। ऐसे में दीवार बनाने की प्रक्रिया तेजी से शुरू कर दी गई है।
-डॉ. जितेंद्र सिंह, स्टेशन डायरेक्टर
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