Bikru Kand : ...तो क्या अभी जिंदा है विकास दुबे, दो साल बाद सामने आई एक चौंकाने वाली हकीकत
कानपुर का बिकरू कांड देश दुनिया में चर्चित हुआ था और सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या करके फरार विकास दुबे को उज्जैन में गिरफ्तारी के बाद कानपुर लाते समय रास्ते में पुलिस वाहन पलट गया था और भागते समय पुलिस से हुई मुठभेड़ में वो मारा गया था।
कानपुर, जागरण संवाददाता। कभी आतंक का पर्याय रहा बिकरू का विकास दुबे भले ही 10 जुलाई 2020 को पुलिस रिकार्ड में मुठभेड़ में मारा जा चुका है लेकिन, वह आज भी जिंदा है। जी हां, यह हकीकत है और वो भी चौंका देने वाली। कोर्ट की फाइल में आज भी विकास दुबे जिंदा ही अंकित है।
क्या हुई थी घटना : चौबेपुर के बिकरू गांव में 2-3 जुलाई की रात कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे ने गैंग के साथ मिलकर गिरफ्तार करने के लिए दबिश देने आई पुलिस टीम पर हमला कर दिया था। मुठभेड़ में सीओ समेत आठ पुलिस जवान शहीद हो गए थे। पुलिस ने विकास के खास गुर्गे अमर दुबे समेत छह सदस्यों को एनकाउंटर में मार गिराया था। सात दिन के बाद उज्जैन में पकड़े गए विकास दुबे को कानपुर लाते समय पुलिस वाहन पलट गया था। गाड़ी से निकलकर भागते समय पुलिस जवानों से हुई मुठभेड़ में विकास दुबे भी मारा गया था।
आज भी जिंदा है विकास : कोर्ट के कागजों में विकास दुबे आज भी जिंदा है क्योंकि उसका मृत्यु प्रमाण पत्र अबतक जारी नहीं हो सका है। इसका कारण है गलत मृत्यु प्रमाण पत्र जो वल्दियत के फेर में ऐसा फंसा जिसमें अब तक सुधार नहीं हो पाया है। मुठभेड़ में मारे गए विकास दुबे के पिता का वास्तविक नाम रामकुमार है जो गलती से राजकुमार दर्ज हो गया। पंचायतनामा में गलती से पोस्टमार्टम की पर्ची में भी यह गलत हो गया जिसकी वजह से नगर निगम ने भी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने से इन्कार कर दिया। वहीं भैरोघाट स्थित विद्युत शवदाह गृह से भी जारी की गई पर्ची में भी यही गलत नाम चढ़ गया। विकास की पत्नी ऋचा दुबे ने इस खामी को ठीक कराने के लिए पोस्टमार्टम हाउस, नगर निगम, सचेंडी व चौबेपुर थाने के कई चक्कर काटे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
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