Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP: हाथ में कलावा और माथे पर चंदन देखकर मार दी थी गोली, भोपाल ट्रेन में बम विस्फोट के बाद सामने आई थी सच्चाई

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Pandey
    Updated: Tue, 05 Sep 2023 09:24 AM (IST)

    Kanpur News स्वामी आत्मप्रकाश ब्रह्मचारी जूनियर हाईस्कूल के सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य रमेश बाबू शुक्ला की हत्या के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) लखनऊ की विशेष अदालत ने दो आतंकियों आतिफ मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल को दोषी ठहराया है। कोर्ट का फैसला आने के बाद सात वर्ष पुराने मामले की यादें ताजा हो गईं। आतंकियों ने निर्दोष प्रधानाचार्य की जान केवल इसलिए ले ली थी।

    Hero Image
    हाथ में कलावा और माथे पर चंदन देखकर मार दी थी गोली

    जागरण संवाददाता, कानपुर : स्वामी आत्मप्रकाश ब्रह्मचारी जूनियर हाईस्कूल के सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य रमेश बाबू शुक्ला की हत्या के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) लखनऊ की विशेष अदालत ने दो आतंकियों आतिफ मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल को दोषी ठहराया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कोर्ट का फैसला आने के बाद सात वर्ष पुराने मामले की यादें ताजा हो गईं। आतंकियों ने निर्दोष प्रधानाचार्य की जान केवल इसलिए ले ली थी, क्योंकि वह आकाओं से मिली नई पिस्टल का परीक्षण करना चाहते थे और इसका मकसद समाज में आतंकी संगठन आइएसआइएस के लिए दहशत का माहौल पैदा करना था।

    2016 को हुई थी हत्या

    विष्णपुरी निवासी रमेश बाबू शुक्ला की 24 अक्टूबर 2016 को उस समय हत्याकर दी गई जब वह साइकिल से घर लौट रहे थे। प्योंदी गांव के पास आतंकियों ने उन पर हमला किया। शुरुआत में इसे सामान्य हत्या मानकर ही जांच की जा रही थी। पुलिस ने अज्ञात में मुकदमा दर्ज किया था।

    सात मार्च 2017 में भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में जबड़ी रेलवे स्टेशन के पास ब्लास्ट में 20 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। जांच में पता चला यह आतंकी हमला था। उसके बाद एटीएस ने इस कांड से जुड़े आतंकी कानपुर के जाजमऊ के सैफुल्ला को लखनऊ में मार गिराया और मोहम्मद फैजल, गौस मोहम्मद खान, अजहर, आतिफ मुजफ्फर, मोहम्मद दानिश, सैयद मीर, हुसैन, आसिफ इकबाल उर्फ राकी व मोहम्मद आतिफ को गिरफ्तार कर लिया।

    आइएसआइएस को प्रभाव को बढ़ाने के लिए की थी हत्या

    आतंकियों ने बताया कि उनके दो साथियों ने सैफुल्ला के साथ मिलकर आइएसआइएस का प्रभाव बढ़ाने के लिए प्रधानाचार्य रमेश बाबू शुक्ला की हत्या की थी। इसके बाद मामला एनआइए ने मुकदमा पंजीकृत करके जांच शुरू की थी।

    एटीएस व पुलिस ने हत्या में शामिल जाजमऊ निवासी आतिफ मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल को गिरफ्तार किया था। दोनों ने पूछताछ में बताया कि संगठन का प्रभाव बढ़ाने के लिए दहशत फैलाने का टारगेट उन्हें मिला था। संगठन की ओर से उन्हें नई पिस्टल दी गई थी, जिसके परीक्षण के लिए उन्होंने एक हत्या करने की योजना बनाई।

    उस दिन उन्होंने साइकिल सवार को रोका। माथे पर तिलक और हाथ में कलावा देखकर अंदाजा लगा लिया कि वह हिंदू है। नाम पूछा और जैसे ही उसने अपना नाम रमेश बाबू शुक्ला बताया उन्हें गोली मार दी।

    एनआइए ने हाइड हाउस लखनऊ से हत्या में प्रयुक्त पिस्टल बरामद की थी। प्रधानाचार्य के शरीर से बरामद बुलेट परीक्षण एफएसएल चंडीगढ़ में किया गया। परीक्षण में पाया गया कि हाइड हाउस से बरामद पिस्टल से चली गोली से ही रमेश बाबू शुक्ला की जान गई थी।