Move to Jagran APP

पंचायत चुनाव : 25 दिसंबर से छिन जाएंगे प्रधानों के अधिकार, ग्राम पंचायतों में एडीओ बनेंगे प्रशासक

ग्राम पंचायतों में कार्यकाल समाप्त होने से पहले प्रधान विकास कार्य कराने और भुगतान पाने की जुगत लगा रहे हैं। वहीं प्रधान पद की दावेदारी करने वाले वोटर लिस्ट में नाम बढ़वाने और अपने समर्थन में लोगों को जुटाने के प्रयास में लगे हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 08:50 AM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 08:50 AM (IST)
गांवों में पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं।

कानपुर, जेएनएन। ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 25 दिसंबर खत्म हो जाएगा। इसलिए प्रत्येक गांव में एडीओ पंचायत को प्रशासक नियुक्त किया जाएगा। इसी के साथ ही ग्राम पंचायत के विकास में प्रधानों का अधिकार समाप्त हो जाएगा। प्रशासक की नियुक्ति के लिए पंचायत राज विभाग में प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अधिकार समाप्त होने से पहले प्रधान तेजी से विकास कार्य कराने और भुगतान कराने की प्रक्रिया में जुट गए हैं।

loksabha election banner

प्रधान, पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, बीडीसी के चुनाव को लेकर गांवों में गहमागहमी चल रही है। चुनाव लड़ने के लिए दावेदारी करने वाले अभी से लोगों को अपने पक्ष में करने में जुट गए हैं और 1-1 वोट का अभी बंदोबस्त कर रहे हैं। मतदाता सूची में नाम शामिल कराने और विरोधियों के नाम कटवाने के भी खेल किए जा रहे हैं। लोगों से पूछ-पूछ कर सूची में नाम है या नहीं और फिर उनका फार्म भरवा रहे हैं। डीपीआरओ ने प्रशासकों की नियुक्ति के लिए अभिलेख तैयार करना शुरू कर दिया है। डीपीआरओ कमल किशोर का कहना है कि 25 दिसंबर कार्यकाल खत्म हो रहा है ऐसे में प्रधानों के हटते ही एडीओ को प्रशासक बना दिया जाएगा। उसके लिए अभी चाहिए प्रक्रिया की जा रही है।

प्रत्याशी उतारने के मूड में राजनीतिक पार्टियां

इस बार भाजपा ने भी पंचायत चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। पार्टी प्रत्येक पद के लिए दावेदारों की तलाश में जुटी हुई है। बकायदा स्क्रीनिंग तक की जा रही है। बसपा ने भी कार्यकर्ताओं को एकजुट रखने के लिए पंचायत चुनाव में उतरने का मन बना लिया है। पार्टी के मुख्य सेक्टर प्रभारी, मंडल प्रभारी जिलों में जाकर बैठक कर रहे हैं और चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं।

समाजवादी पार्टी तो हर बार पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ती रही है। तो इस बार भी पार्टी तैयारी में जुटी हुई है। कांग्रेस ने भी इस चुनाव में मुकाबले को रोचक बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। चुनाव की तिथि अभी घोषित नहीं हुई है लेकिन परिसीमन और मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है। चुनाव की दावेदारी कर रहे लोग अभी इस बात पर निगाह लगाए हुए हैं कि उनके गांव की सीट किस जाति के लिए आरक्षित होती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.