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बोर्ड ऑफ अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग की बदलेगी सूरत, शिक्षा मंत्रालय से कुछ दिन पहले ही मिली जिम्मेदारी

मेक इन इंडिया और उद्यमिता विकास को बढ़ावा दे रहे हैं। अब बोर्ड के चेयरमैन बनने से नई कंपनियों के साथ करार हो सकेगा। इसका फायदा भावी इंजीनियरों को अप्रेंटिसशिप करने में मिलेगा। प्रो. करंदीकर ने बताया कि बोर्ड ऑफ अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग में बहुत संभावनाएं हैं।

By Akash DwivediEdited By: Published: Sat, 03 Apr 2021 05:21 PM (IST)Updated: Sat, 03 Apr 2021 05:21 PM (IST)
शिक्षा मंत्रालय की ओर से कुछ दिन पहले ही जिम्मेदारी मिली है

कानपुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, लद्दाख में भावी इंजीनियरों के कौशल को और बेहतर ढंग से निखारा जाएगा। उनके हुनर को तराशने के लिए नई योजनाएं तैयार होंगी। बोर्ड ऑफ अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग नार्थ रीजन की सूरत बदलेगी। एकीकृत व हाइटेक व्यवस्था होगी, जिससे इंजीनियरिंग और डिप्लोमा पास आउट छात्रों को अधिक से अधिक लाभ मिल सकेगा। यह प्लानिंग बोर्ड के नए चेयरमैन प्रो. अभय करंदीकर तैयार करा रहे हैं। उन्हेंं शिक्षा मंत्रालय की ओर से कुछ दिन पहले ही जिम्मेदारी मिली है। वह मौजूदा समय में आइआइटी कानपुर के निदेशक हैं। उनके निर्देशन में संस्थान ने तकनीक के क्षेत्र में काफी तरक्की की है।

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कई केंद्र और विभाग का गठन हुआ है। मेक इन इंडिया और उद्यमिता विकास को बढ़ावा दे रहे हैं। अब बोर्ड के चेयरमैन बनने से नई कंपनियों के साथ करार हो सकेगा। इसका फायदा भावी इंजीनियरों को अप्रेंटिसशिप करने में मिलेगा। प्रो. करंदीकर ने बताया कि बोर्ड ऑफ अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग में बहुत संभावनाएं हैं। नई कंपनियों और औद्योगिक इकाईयों को जोड़ा जाएगा। जल्द ही बोर्ड की बैठक बुलाई जाएगी। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत छात्रों के लिए अप्रेंटिसशिप की रूपरेखा तैयार होगी। इंजीनियरिंग के साथ ही प्रबंधन, मेडिकल और अन्य क्षेत्रों के छात्रों को पारंगत किया जाएगा।

बोर्ड पर कई कंपनियों की उधारी : बोर्ड पर कई कंपनियों की उधारी है। उसके लिए बजट भी जारी हुआ था, जिससे हिसाब किताब बराबर किया जा रहा है। कुछ कंपनियों ने देनदारी के चक्कर में बोर्ड से करार तोड़ लिया है। पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण की शुरूआत में कई कंपनियों ने अप्रेंटिसशिप के लिए मना भी कर दिया था। ऐसे में डॉ. करंदीकर के लिए चुनौतियां भी काफी रहेंगी। निदेशक एसके मेहता ने बताया कि अधिकतम कंपनियों को उनकी अदायगी कर दी गई है। कुछ को मार्च की समाप्ति से पहले दे दिया जाएगा।

कानपुर में हेड ऑफिस : कानपुर के लखनपुर स्थित बोर्ड के उत्तर क्षेत्र का हेड ऑफिस है। यहां से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, लद्दाख के कार्यालयों को देखा जाता है। 


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