21 दिन राज रही पद्मभूषण प्रो. कटियार के जहर खाने की बात, क्या था सुसाइड नोट में
अस्पताल में डॉक्टरों को डायरिया बताकर परिजनों ने भर्ती कराया था। प्रो. कटियार की मौत के बाद पुलिस को सुसाइड नोट दिया, पुलिस कर रही जांच।सुसाइड नोट की फोरेंसिक जांच कराएगी।
By AbhishekEdited By: Published: Wed, 10 Oct 2018 04:54 PM (IST)Updated: Wed, 10 Oct 2018 08:13 PM (IST)
कानपुर(जागरण संवाददाता)। 18 सितंबर को पद्मभूषण प्रो. सर्वज्ञ सिंह कटियार की तबीयत बिगडऩे पर जब रीजेंसी अस्पताल लाया गया तो उन्हें लूज मोशन हो रहे थे। परिजनों ने डायरिया बता उन्हें भर्ती कराया था। तीसरे दिन लिवर में जहर के ट्रेसेज (अवशेष) मिले तो डॉक्टर दंग रह गए। जांच में जहर खाने की बात सामने आई। इसके बाद भी परिजनों ने पुलिस प्रशासन को जानकारी नहीं दी। सुसाइड नोट सामने आने पर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
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परिजनों की चुप्पी, जांच का विषय
स्वरूप नगर पुलिस के मुताबिक एसएसपी के नाम संबोधित सुसाइड नोट व जहर की शीशी मिलने के बाद भी परिजन चुप्पी 21 दिन तक चुप्पी साधे रहे, यह जांच का विषय है। अगर पहले ही पुलिस प्रशासन के अफसरों को सूचना दे देते तो शायद उनका बेहतर इलाज हो जाता। साथ ही उठ रहे सवालों का जवाब भी खोजा जा सकता था।
प्रो. कटियार के भतीजे ज्योतिन ने बताया कि सुसाइड नोट व जहर की शीशी अस्पताल के डॉक्टर को दी थी। अस्पताल ने काकादेव थाने को मेमो भी भेजा, लेकिन पुलिस नहीं आई। मगर, इसका जवाब नहीं दे पाए कि पुलिस के नहीं आने पर उन्होंने किसी से शिकायत क्यों नहीं की। स्वरूपनगर इंस्पेक्टर देवेंद्र दुबे ने बताया कि मंगलवार सुबह ही उन्हें जानकारी मिली। अस्पताल की ओर से जहर खाने की आशंका पर मौत की बात कही गई, इसके बाद परिजनों की ओर से सुसाइड नोट दिया गया।
पोस्टमार्टम के बाद पुलिस को मिला सुसाइड नोट
पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने पुलिस को सुसाइड नोट दिया। जहर खाने के 21 दिन बाद सामने आए सुसाइड नोट को देख पुलिस अफसर भी हैरान हैं। एसपी पश्चिम संजीव सुमन ने बताया कि इस बाबत परिजनों से बात की जाएगी। थाने में सूचना दी गई थी या नहीं, परिजनों ने किसी आलाधिकारी को जानकारी क्यों नहीं दी और इतने दिन क्यों चुप्पी साधे रहे, इसकी भी जांच होगी। पुलिस सुसाइड नोट की फोरेंसिक जांच कराएगी।
ये लिखा था सुसाइड नोट
प्रो. कटियार की डायरी में मिला अंतिम पत्र एसएसपी कानपुर नगर के नाम संबोधित है। उसमें लिखा है... 'मैंने ख्याति हासिल करते हुए एक सफल जीवन जिया। वर्ष 1990 में मैंने यह घर अपनी जीवन संगिनी इवा मैसी के साथ मिलकर बनाया था। मगर, अब मैं कई असाध्य बीमारियों व अवसाद से घिरा हुआ हूं। अकेलापन और बढ़ती उम्र गौर करने लायक है। ऐसे में तय किया है कि इस जिंदगी को खत्म कर लूं। इसके लिए किसी को परेशान न किया जाए, यह मेरा अपना निर्णय है। इसमें किसी का कोई दोष नहीं है। (अंग्रेजी का ङ्क्षहदी रूपांतरण)|
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परिजनों की चुप्पी, जांच का विषय
स्वरूप नगर पुलिस के मुताबिक एसएसपी के नाम संबोधित सुसाइड नोट व जहर की शीशी मिलने के बाद भी परिजन चुप्पी 21 दिन तक चुप्पी साधे रहे, यह जांच का विषय है। अगर पहले ही पुलिस प्रशासन के अफसरों को सूचना दे देते तो शायद उनका बेहतर इलाज हो जाता। साथ ही उठ रहे सवालों का जवाब भी खोजा जा सकता था।
प्रो. कटियार के भतीजे ज्योतिन ने बताया कि सुसाइड नोट व जहर की शीशी अस्पताल के डॉक्टर को दी थी। अस्पताल ने काकादेव थाने को मेमो भी भेजा, लेकिन पुलिस नहीं आई। मगर, इसका जवाब नहीं दे पाए कि पुलिस के नहीं आने पर उन्होंने किसी से शिकायत क्यों नहीं की। स्वरूपनगर इंस्पेक्टर देवेंद्र दुबे ने बताया कि मंगलवार सुबह ही उन्हें जानकारी मिली। अस्पताल की ओर से जहर खाने की आशंका पर मौत की बात कही गई, इसके बाद परिजनों की ओर से सुसाइड नोट दिया गया।
पोस्टमार्टम के बाद पुलिस को मिला सुसाइड नोट
पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने पुलिस को सुसाइड नोट दिया। जहर खाने के 21 दिन बाद सामने आए सुसाइड नोट को देख पुलिस अफसर भी हैरान हैं। एसपी पश्चिम संजीव सुमन ने बताया कि इस बाबत परिजनों से बात की जाएगी। थाने में सूचना दी गई थी या नहीं, परिजनों ने किसी आलाधिकारी को जानकारी क्यों नहीं दी और इतने दिन क्यों चुप्पी साधे रहे, इसकी भी जांच होगी। पुलिस सुसाइड नोट की फोरेंसिक जांच कराएगी।
ये लिखा था सुसाइड नोट
प्रो. कटियार की डायरी में मिला अंतिम पत्र एसएसपी कानपुर नगर के नाम संबोधित है। उसमें लिखा है... 'मैंने ख्याति हासिल करते हुए एक सफल जीवन जिया। वर्ष 1990 में मैंने यह घर अपनी जीवन संगिनी इवा मैसी के साथ मिलकर बनाया था। मगर, अब मैं कई असाध्य बीमारियों व अवसाद से घिरा हुआ हूं। अकेलापन और बढ़ती उम्र गौर करने लायक है। ऐसे में तय किया है कि इस जिंदगी को खत्म कर लूं। इसके लिए किसी को परेशान न किया जाए, यह मेरा अपना निर्णय है। इसमें किसी का कोई दोष नहीं है। (अंग्रेजी का ङ्क्षहदी रूपांतरण)|
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