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पद्मभूषण भारतीय वैज्ञानिक सर्वज्ञ सिंह कटियार की संदिग्ध मौत, सुसाइड नोट मिला

वर्ष 1994 से 2007 तक वह छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति रहे। उन्हें एंजाइमोलॉजी (पाचक रस विज्ञान) में विशेषज्ञता प्राप्त की थी।

By AbhishekEdited By: Published: Tue, 09 Oct 2018 03:23 PM (IST)Updated: Wed, 10 Oct 2018 08:33 AM (IST)
पद्मभूषण भारतीय वैज्ञानिक सर्वज्ञ सिंह कटियार की संदिग्ध मौत, सुसाइड नोट मिला
पद्मभूषण भारतीय वैज्ञानिक सर्वज्ञ सिंह कटियार की संदिग्ध मौत, सुसाइड नोट मिला
कानपुर (जेएनएन)। पद्मभूषण से सम्मानित सीएसजेएमयू के पूर्व कुलपति डॉ. सर्वज्ञ सिंह कटियार की सोमवार देर रात रीजेंसी अस्पताल में मौत हो गई। करीब बीस दिन पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। भतीजे ने पत्नी की मौत के बाद से डॉ. कटियार के मानसिक तनाव में रहने व बीमार होने की बात कही है। जबकि उनके साले के बेटे ने डॉक्टरों द्वारा जहर खाने की आशंका जताए जाने पर कमरे की छानबीन पर एक छोटी शीशी और डायरी में सुसाइड नोट मिलने की जानकारी दी है। इसके बाद से उनकी मौत रहस्य बन गई है। 
पत्नी की मौत के बाद से डिप्रेशन में थे डॉ. कटियार
मूलरूप से फतेहगढ़ के रहने वाले 83 वर्षीय डॉ. एसएस कटियार कानपुर के आर्य नगर में बने मकान में रहते थे। 1994 से लेकर 2007 तक वह छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में तीन बार कुलपति रहे। भतीजे रितेश ने बताया कि डॉ. कटियार के संतान नहीं है। उनकी पत्नी इवा मैसी का पिछले साल जनवरी माह में बीमारी के चलते निधन हो गया था। इसके बाद वह भी डिप्रेशन (मानसिक अवसाद) में आने के कारण काफी बीमार रहने लगे थे। 18 सितंबर को अचानक उनकी तबीयत बिगडऩे पर रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां आईसीयू में इलाज चल रहा था, सोमवार रात उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।
डायरी में मिला सुसाइड नोट
डॉ. कटियार के साले के बेटे ज्योतिन मैसी ने उनकी मौत पर संदेह जताया है। कहा कि डॉ. कटियार को लूज मोशन व पेट की बीमारी की शिकायत रहती थी। इसलिए पहले परिजन इसी बीमारी से तबीयत बिगडऩा समझते रहे। ज्योतिन ने बताया कि 18 सितंबर को जब डॉ. कटियार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था तो इलाज करने वाले डॉक्टरों ने उनके जहर खाने का संदेह जताया है।
इसपर जब उन्होंने आर्यनगर स्थित घर में जाकर छानबीन की तो कमरे के अंदर एक छोटी सी शीशी पड़ी मिली थी, जो अस्पताल लाकर डॉक्टर को दे दी थी। वहीं उनकी एक डायरी में अंग्रेजी में लिखा सुसाइड नोट मिला था। उपचार के बाद उनकी हालत में सुधार होने लगा था लेकिन सोमवार रात उनकी मौत होने की जानकारी मिली। स्वरूप नगर सीओ अभय नरायन राय ने कहा कि परिजनों अभी कोई सुसाइड नोट मिलने की जानकारी नहीं दी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मामले की छानबीन के बाद ही कुछ कहा सकता है।
डॉ. कटियार की शख्सियत
भारतीय वैज्ञानिक डॉ. सर्वज्ञ सिंह कटियार ने एंजाइमोलॉजी (पाचक रस विज्ञान) में विशेषज्ञता प्राप्त की थी। वह लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के संस्थापक निदेशक थे। कानपुर में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति रहे। उनके कार्यकाल में विश्वविद्यालय परिसर का कायाकल्प हुआ और कई विभागों का विस्तार व अलग भवनों का निर्माण हुआ। वह भारतीय विश्वविद्यालयों के एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके थे। चंद्र शेखर आजाद कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के भी अध्यक्ष रह चुके थे। भारत सरकार ने वर्ष 2003 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था। इसके बाद वर्ष 2009 में उन्हें पद्म भूषण से नवाजा गया था। उन्हें विज्ञान के क्षेत्र में विज्ञान गौरव भी प्रदान किया गया था।

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