कॉलेज प्रबंधक की हत्या में सामने आई दिल दहला देने वाली बात, खून से लेंगे खून का बदला Kanpur News
धमकी को नहीं भांप पाए परिजन और पुलिस से भी शिकायत नहीं की थी।
कानपुर, जेएनएन। डिग्र्री कॉलेज के प्रबंधक श्रवण कुमार पाल की दिनदहाड़े हत्या करने वाले आरोपितों ने कुछ दिन पहले ही उन्हें खुलेआम धमकी दी थी। कहा था कि खून का बदला खून से लेंगे, फिर भी श्रवण ने उनकी धमकी पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। परिजनों ने भी पुलिस से शिकायत नहीं की थी।
बीते मई माह में डीआर ओमप्रकाश पब्लिक स्कूल के संचालक एवं पूर्व प्रधान ओमप्रकाश पाल का गुजैनी में एक्सीडेंट हो गया था। चार दिन तक वह एलएलआर अस्पताल (हैलट) में भर्ती रहे, जहां उनकी मौत हो गई। अंतिम संस्कार के बाद ओमप्रकाश के बेटे धर्मेंद्र, अमित ने श्रवण पर हत्या का आरोप लगाना शुरू कर दिया था। रास्ते में श्रवण को रोककर गालीगलौज भी की थी, गांव के लोगों ने उन्हें समझाने की कोशिश की थी।
इसके बाद भरी पंचायत में ओमप्रकाश के बेटों ने श्रवण को जान से मारने की धमकी देते हुए कहा था कि खून का बदला खून से लेंगे। परिजनों के मुताबिक श्रवण यही समझते रहे कि पिता की मौत होने से दोनों बेटे सदमे में हैं, इस वजह से उनकी धमकी पर ध्यान नहीं दिया। आखिर उन लोगों ने श्रवण की हत्या कर दी।
बड़े भाई ने की थी मुखबिरी, छोटे भाइयों ने की वारदात
हत्यारोपितों के बड़े भाई संजय की मुखबिरी पर छोटे भाई अमित व धर्मेंद्र ने मिलकर कॉलेज प्रबंधक श्रवण कुमार पाल उर्फ सरवन की हत्या को अंजाम दिया। चचेरे भाई रामबालक ने बताया कि सरवन नवरात्र में प्रतिदिन सुबह छह बजे पत्नी रेखा के साथ चौडिय़ा माता मंदिर जाते थे। बुधवार सुबह नहीं गए। इसलिए दोपहर बाद अनिल के साथ स्कूटी से मंदिर गए।
रास्ते में अमित व धर्मेंद्र स्कूल की छत पर बैठे थे। मंदिर में अमित का बड़ा भाई संजय भी मौजूद था। आरोप है कि जैसे ही श्रवण वापस निकले वैसे ही संजय ने दोनों भाइयों को सूचना दी। इसके बाद दोनों भाई पहले से घात लगाए बैठे थे। हमलावरों ने बांका, चापड़ जैसे धारदार हथियारों से श्रवण के सिर और चेहरे पर ताबड़तोड़ बार किए थे। इससे उनका सिर और चेहरा बुरी तरह फट गया था।
स्कूल बनवाने के बाद से शुरू हुआ विवाद
श्रवण कुमार ने वर्ष 2002 में पिता रामऔतार के नाम पर इंटर कॉलेज शुरू किया था, जबकि आरोपितों के पिता ओमप्रकाश ने पिछले साल ही पब्लिक स्कूल खोला था। इसके बाद से ही दोनों परिवारों के बीच प्रतिस्पर्धा थी। ओमप्रकाश की मौत के बाद यह रंजिश में बदल गई थी।
हत्यारोपितों के रिश्तेदार से तय था बेटी का रिश्ता
श्रवण की बेटी का रिश्ता हत्यारोपित अमित व धर्मेंद्र के फुफेरे भाई से तय था। 28 नवंबर को शादी होनी थी। इसके बाद चार दिसंबर को बड़े बेटे देवेंद्र उर्फ नीतू की शादी होनी थी। वारदात के बाद अधिकारियों ने गांव में पुलिस व पीएसी तैनात कर दी। हत्यारोपितों के स्कूल और मृतक के घर के पास कांबिंग की जा रही है।
हादसे में टेंपो चालक पर दर्ज था मुकदमा
हत्यारोपितों के पिता दमगड़ा के पूर्व प्रधान ओमप्रकाश की हादसे में मौत के मामले में बेटे धर्मेंद्र ने अज्ञात टेंपो चालक के खिलाफ बर्रा थाने में रिपोर्ट लिखाई थी। थाना प्रभारी सतीश कुमार ने बताया कि जांच में श्रवण कुमार का नाम प्रकाश में नहीं आया था।
जालौन से लड़े थे लोकसभा का चुनाव
श्रवण बीडीसी रहे थे। तीन वर्ष पूर्व उन्होंने घाटमपुर से विधानसभा का और इसी वर्ष जालौन के गरौठा से लोकसभा चुनाव लड़ा था। वह राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी थे। वर्ष 2015 में उनकी पत्नी रेखा भी कानपुर देहात के बिनौर से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ीं थी।
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