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कानपुर में रबराइज लेवल क्रॉसिंग की नई तकनीक विकसित करने की कवायद, जानिए- इसके क्या-क्या होंगे फायदे

शहर के बीच से गुजरने वाली रेलवे की लेवल क्राॅसिंग का हर साल मेंटीनेंस किया जाता है। इसका कारण हर समय वाहनों के गुजरने से इनका जल्दी जल्दी खराब होना है। इंटरलॉकिंग अथवा सीसी सड़क के उखडऩे से राहगीरों को भी आने जाने में परेशानी उठानी पड़ती है।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Fri, 12 Feb 2021 06:26 AM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2021 06:26 AM (IST)
शहर में रेलवे की रबराइज क्रॉसिंग की सांकेतिक तस्वीर।

कानपुर, जेएनएन। शहर भर में कई ऐसी लेवल क्राॅसिंग हैं जहां कई की इंटरलॉकिंग हटी हुई है तो किसी की सीसी कारपेटिंग निकलने से रेल ट्रैक के किनारे गड्ढे हो चुके हैं। लेवल क्राॅसिंग पर ट्रेनों के साथ ही वाहनों का भी बहुतायत में आवागमन होता है। इससे क्राॅसिंग की सतह बनने के साथ ही खराब होना शुरू हो जाती है। रबराइज लेवल क्राॅसिंग की नई तकनीक से इसे वर्षों बेहतर रखा जा सकता है। इस तकनीक से हर साल होने वाले खर्च से बचा जा सकता है, लेवल क्राॅसिंग से गुजरने वाले लोगों को होने वाली परेशानी से भी बचाया जा सकेगा।

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शहर में दो जगह की ये है स्थिति

गीता नगर क्राॅसिंग की हालत खराब है। यहां से गुजरने पर अक्सर दुपहिया वाहन सवार गड्ढों की चपेट में आकर गिर पड़ते हैं तो वहीं चार पहिया वाहन सवारों को भी परेशानी उठानी पड़ती है।

दादा नगर लेवल क्रॉसिंग की हालात भी खराब है। रेल ट्रैक के किनारे से तारकोल निकलने से यहां गड्ढे हो गए हैं, यहां कई बार जल्दी निकलने के चक्कर में राहगीर गिर पड़ते हैं।

...तो ये है कारण 

शहर के बीच से गुजरने वाली रेलवे की लेवल क्राॅसिंग का हर साल मेंटीनेंस किया जाता है। इसका कारण इन लेवल क्राॅसिंग पर हर समय वाहनों के गुजरने से इनका जल्दी जल्दी खराब होना है। लेवल क्राॅसिंग पर लगाई जाने वाली इंटरलॉकिंग अथवा सीसी सड़क के उखडऩे से राहगीरों को भी आने जाने में परेशानी उठानी पड़ती है। इस समस्या से बचने के लिए रबराइज लेवल क्राॅसिंग की तकनीक का विकल्प सामने आया है। इस तकनीक में पटरियों के दोनों ओर रबर के पैनल लगाए जाते हैं जो क्राॅसिंग के लेवल पर फिट तो बैठते ही हैं, राहगीरों को वाहन निकालने के दौरान कोई परेशानी भी नहीं होती। 

इनकी भी सुनिए

  • रबर के इन पैनल को लगाने से रेल और वाहन दोनों को आवागमन में कोई समस्या नहीं होती। यह कई साल तक चलता है। इसे हटाकर मेंटीनेंस कर फिर से लगाया जा सकता है। इसके चलते हर साल होने वाले मेंटीनेंस के खर्च से भी बचत होती है। वर्तमान में यह बेंगलुरु, मुंबई और मैसूर में लगाए गए हैं। - अभिषेक सराफ, एमडी, अवध रेल इंफ्रा रेल 
  • हमारे मंडल में ऐसी लेवल क्राॅसिंग नहीं है। यह एक अच्छी तकनीक मालूम पड़ रही है। अधिकारियों को इसकी जानकारी देकर पूर्वोत्तर रेलवे में भी इसकी शुरुआत की जाएगी।  - राजेंद्र सिंह, पीआरओ उत्तर मध्य रेलवे इज्जतनगर मंडल
  • लेवल क्राॅसिंग पर प्रयोग की गई तकनीक की जानकारी कराई जा रही है। पैसा बचने के साथ लोगों को भी राहत मिले, यही हमारा उद्देश्य है। - अमित कुमार सिंह, पीआरओ एनसीआर प्रयागराज

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