Kanpur Violence Update : पत्नी और बहन बोलीं- हयात को फंसा रही है पुलिस, बवाल में उसकी कोई भूमिका नहीं
कानपुर में बवाल के मास्टर माइंड बताया जा रहा मौलाना मोहम्मद अली (एमएमए) जौहर फैंस एसोसिएशन का अध्यक्ष हयात जफर हाशमी की तलाश करते हुए पत्नी और बहन कोर्ट पहुंचीं और मीडिया के सामने उसे बेकसूर बता पुलिस पर फंसाने का आरोप लगाया है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। शहर में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद नई सड़क और दादा मियां चौराहा पर हुए बवाल के मास्टरमाइंड बताए जा रहे हयात जफर हाशमी को पत्नी उजमा और बहन हसीन जफर हाशमी ने बेकसूर बताया है। उन्होंने पुलिस पर हयात जफर हाशमी को फंसाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि बवाल में हयात जफर की कोई भूमिका नहीं है। हयात जफर की गिरफ्तारी की खबरें मिलने के बाद पत्नी व बहन कोर्ट पहुंचीं और मीडिया से मुखातिब हुईं।
कानपुर में शुक्रवार को हुए बवाल के बाद मुकदमे में मौलाना मोहम्मद अली (एमएमए) जौहर फैंस एसोसिएशन का अध्यक्ष हयात जफर हाशमी को मुख्य आरोपित बनाया गया है। वह शुक्रवार की रात से फरार था और शनिवार की दोपहर उसकी गिरफ्तारी की खबरों के बाद दोपहर करीब 2:00 बजे सीएमएम कोर्ट में मीडिया पहुंची थी और इस बीच हयात की पत्नी उजमा और बहन हसीन जफर हाशमी भी आ गईं। मीडिया के सामने उन्होंने कहा कि हयात जफर हाशमी रात नौ बजे तक घर पर थे और किसी काम से बाहर निकले थे। इसके बाद घर नहीं लौटे और लापता हो गए, उनका मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ हो गया। पुलिस द्वारा उनका नाम बवाल में शामिल किए जाने पर आशंका है कि गिफ्तार कर लिया है और कोर्ट में पेश करेगी। इसलिए उन्हें तलाशते हुए कोर्ट आई हैं।
उन्होंने बताया कि नुपुर शर्मा के बयान को लेकर हयात जफर हाशमी ने बंद का आह्वान जरूर किया था लेकिन पुलिस और प्रशासन द्वारा अनुमति न मिलने पर बंद को वापस ले लिया था। इसके लिए उन्होंने अपने सभी समर्थकों से बंद में शामिल नहीं होने की अपील भी की थी। शुक्रवार को पूरे दिन हयात जफर घर पर ही रहे और बाहर भी नहीं निकले। रात करीब 9:00 बजे वह टहलने के लिए जाने की बात कहकर घर से निकले और फिर वापस नहीं आए। उनका मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ आ रहा है और कहीं पता भी नहीं चल रहा है। आशंका है कि बवाल में शामिल बताकर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
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कहा, उनके साथ किसी प्रकार की अनहोनी हो सकती है। पत्नी व बहन ने आरोप लगाया कि पुलिस उपद्रव का ठीकरा हयात जफर हाशमी पर फोड़ना चाहती है, जबकि वह में शामिल नहीं है। असली आरोपितों तक पुलिस पहुंच नहीं पा रही है, इसलिए हयात का नाम जबरन जोड़ा जा रहा है। पुलिस के पास क्या सुबूत है, जिसकी बिनाह पर हयात जफर पर आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्हें अदालत में पूरा भरोसा है और न्याय जरूर मिलेगा।
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