कानपुर में इस वर्ष चलती नजर आएगी मेट्रो, जानिए क्या सुविधाएं यात्रियों को मिलेगी
इसे शहर की हार्ट लाइन कहा जा सकता है लेकिन हर मोड़ और चौराहे पर यहां वाहन फंसे ही रहते हैं। मेट्रो से मेडिकल कालेज चौराहा से आइआइटी के बीच वाहनों की आपाधापी सड़क से कम होगी। इसके अलावा जितने हिस्से में मेट्रो चलेगी
कानपुर, जेएनएन। पिछले कई वर्ष से कानपुर जिस मेट्रो का सपना देख रहा था, वह इस वर्ष एलीवेटेड रूट पर चलती नजर आएगी। आइआइटी से मोतीझील तक के पहले कारीडोर में 30 नवंबर को मेट्रो चालू करने का लक्ष्य है। जनवरी में ही ट्रैक बिछना शुरू हो जाएगा और इसके साथ ही सिग्नलिंग का कार्य भी शुरू हो जाएगा। जून में गुजरात से मेट्रो के सेट आने शुरू हो जाएंगे। हालांकि मेट्रो की लिखापढ़ी में 31 जुलाई की तारीख पहले ट्रायल रन के लिए तय है, फिर भी कोरोना की वजह से इसमें कुछ विलंब की आशंका है। मेट्रो से शहर के व्यस्त रूट जीटी रोड को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी। इसे शहर की हार्ट लाइन कहा जा सकता है, लेकिन हर मोड़ और चौराहे पर यहां वाहन फंसे ही रहते हैं। मेट्रो से मेडिकल कालेज चौराहा से आइआइटी के बीच वाहनों की आपाधापी सड़क से कम होगी। इसके अलावा जितने हिस्से में मेट्रो चलेगी, उसके आसपास के क्षेत्र का विकास भी तेज होगा।
काम की स्थिति
इस समय प्राथमिक कारीडोर के नौ स्टेशनों की फिनिशिंग का काम चल रहा है।
आइआइटी स्टेशन पर स्टेशन कक्षों का निर्माण शुरू हो गया है। यहां ट्रैक बीम का काम पूरा हो गया है। इसी तरह सभी स्टेशनों पर स्टेशन कक्ष तैयार किए जाएंगे।
434 डबल टी-गार्डर्स में से 292 डबल टी-गार्डर्स स्टेशनों पर रखे जा चुके हैं।
622 में से 218 यू-गार्डर्स रखे जा चुके हैं।
513 पियर्स का निर्माण किया जाना है, जिनमें से अब तक 350 पियर्स का निर्माण पूरा कर लिया गया है।
प्राथमिक सेक्शन में आखिरी स्टेशन यानी मोतीझील तक पाइलिंग का काम पूरा हो चुका है।
नए वर्ष के साथ ही ट्रैक बिछाने का काम शुरू होना है।
मेट्रो डिपो का काम लगभग 60 फीसद तक पूरा हो गया है।
वर्ष 2021 के जून से ट्रेन सेट आने शुरू हो जाएंगे, जिन्हेंं मेट्रो डिपो में खड़ा किया जाएगा।
ट्रैक बिछाने के काम के साथ-साथ सिग्नलिंग सिस्टम को इंस्टाल करने का काम भी शुरू होगा।