किडनी कांड में फंसे दिल्ली के डॉ. दीपक शुक्ला को नहीं मिल सकी जमानत Kanpur News
नवगठित एसआइटी ने किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले रैकेट का पर्दाफाश करते हुए दिल्ली के प्रतिष्ठित अस्पताल के डॉक्टर को गिरफ्तार किया था।
कानपुर, जेएनएन। शहर के किडनी कांड में फंसे दिल्ली के डॉ. दीपक शुक्ला को आखिर जमानत नहीं मिल सकी। विशेष न्यायाधीश एससीएसटी मोहम्मद रियाज ने आरोपित डॉक्टर के वकील की सभी दलीलें नकारते हुए जमानत याचिका को खारिज कर दिया। डॉक्टर को जमानत नहीं मिलने से अन्य आरोपितों में खलबली मच गई है। इसी मामले में फोर्टिस की कोआर्डिनेटर को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।
किडनी ट्रांसप्लांट रैकट का खुलासा होने के बाद नव गठित एसआइटी ने दिल्ली के चर्चित अस्पताल के डॉ. दीपक शुक्ला को गिरफ्तार किया था। उनके वकील में कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। मंगलवार को सुनवाई के दौरान जमानत के विरोध में सहायक शासकीय अधिवक्ता विवेक शुक्ला ने तर्क दिए कि किडनी रैकेट में डाक्टर की बड़ी भूमिका है। अस्पताल में उसके अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा ही फर्जी कागजात तैयार कर किडनी बदलने की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता था। किडनी दान करने वाले और लेने वाले अलग-अलग संप्रदाय के थे, फिर भी उन्हें रिश्तेदार बना दिया गया। तर्क दिया कि वृद्धावस्था और बीमारी को गंभीर अपराध में जमानत दिए जाने का आधार नहीं माना जा सकता है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता कमलेश पाठक का तर्क था कि मानव अंग प्रत्यारोपण का निर्णय केंद्र सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञों की ऑथराइजेशन कमेटी करती है। अंग लेने और देने वाले, दोनों ने ही खुद को नजदीकी रिश्तेदार बताते हुए शपथपत्र भी दिया था।
सोनिका की जमानत याचिका पर सुनवाई टली
किडनी कांड की अन्य आरोपित फोर्टिस फरीदाबाद की कोआर्डिनेटर सोनिका डबास की जमानत अर्जी पर मंगलवार को होने वाली सुनवाई टल गई। अभियोजन की ओर से बहस के लिए समय की मांग की गई थी। अब 21 जून को सुनवाई होगी। निचली अदालत में 14 जून को सोनिका की जमानत याचिका खारिज हो गई थी।
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