जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में पढ़े केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवद्र्धन ने दिया ये तोहफा Kanpur News
जीएसवीएम को अब मेडिकल इंस्टीट्यूट का दर्जा प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा से फरवरी 2020 तक सभी व्यवस्थाएं कराने को निर्देश दिए।
कानपुर, जेएनएन। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज अब आदर्श जीएसवीएम रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एजीआरआइएमएस) बनेगा। यहां के पूर्व छात्र और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शहर को केंद्रीय संस्थान की सौगात दी है। उन्होंने लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) एवं डॉ. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (आरएमएलआइएमएस) की तर्ज पर फरवरी 2020 तक इंस्टीट्यूट बनाने के निर्देश प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे को दिए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों की बैठक दिल्ली के निर्माण भवन में बुधवार को हुई। इसकी अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने की। प्राचार्य प्रो. आरती लालचंदानी के मुताबिक उन्होंने हॉस्टलों पर तेजी से काम शुरू कराने के निर्देश दिए। प्रमुख सचिव ने बताया कि तीन हजार क्षमता का हॉस्टल ब्लॉक के लिए 240 करोड़ रुपये का डीपीआर तैयार कराया है।
मंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन से कहा कि जीएसवीएम को इंस्टीट्यूट बनाने पर तेजी से कार्य शुरू करें। इसका हिस्सा हृदय रोग एवं जेके कैंसर होंगे। दोनों को अपग्रेड कर विस्तार किया जाएगा। एमबीबीएस की अभी 250 सीटें ही रहेंगी। पांच सौ सीटों की पहले गाइडलाइन बन जाए, फिर विचार होगा। इंस्टीट्यूट बनने पर फैकल्टी, सीनियर-जूनियर रेजीडेंट एवं कर्मचारियों के वेतन-भत्ते भी एम्स के बराबर हो जाएंगे। इस पर भी केंद्रीय मंत्री ने चर्चा की।
खुलेगा क्लीनिकल स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) की मदद से मेडिकल कॉलेज में देश का पहला क्लीनिकल स्किल ट्रेनिंग सेंटर खुलेगा। ऐसे चार संस्थान खोले जाने हैं। विदेश से एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद यहां तीन माह की स्किल ट्रेनिंग हासिल करेंगे। उन्हें एक लाख रुपये शुल्क देना पड़ेगा। यहां प्राइवेट संस्थान के डॉक्टर भी ट्रेनिंग कर प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेंगे।
ये भी होंगे फायदे
- फैकल्टी की भर्ती का अधिकार।
- नए विभाग खोले जा सकेंगे।
- शोध कार्यों को मिलेगी रफ्तार
- यूजीसी से सीधे मिल सकेगी ग्र्रांट
- बजट मिलने में भी होगी आसानी
न्यूरो सर्जरी का ट्रेनिंग सेंटर
न्यूरो साइंस सेंटर में पायनियर ट्रेनिंग प्रोजेक्ट शुरू होगा। राज्य और बाहर के विशेषज्ञ एडवांस ट्रामा लाइफ सेविंग (एटीएलएस) की छह माह की ट्रेनिंग करने आएंगे। एलएलआर के जीटी रोड साइड पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के बजट से 200 बेड का ट्रामा सेंटर बनेगा। इसमें ट्रामा इमरजेंसी, आइसीयू समेत सभी महत्वपूर्ण विभाग होंगे। यहां डिजिटल एक्सरे, सीटी स्कैन, एमआरआइ की सुविधा होगी।
जेके कैंसर को मिलेंगे 125 करोड़ रुपये
जेके कैंसर संस्थान को अपग्रेड करने के लिए टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुंबई 125 करोड़ रुपये देगा। संस्थान की खराब पड़ी लिनियर एक्सीलरेटर मशीन की जगह नई मशीन आएगी। इसकी स्वीकृति भी मिल गई है।