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कानपुर में पकड़ा गया साइबर ठगों का गिरोह, कई प्रांतों के बीमाधारकोंं को लगाई करोड़ों की चपत, जानिए- कैसे

Big Cyber Fraud In Kanpur एडीसीपी अपराध दीपक भूकर ने बताया कि आरोपित लखनऊ में किराए पर फ्लैट लेकर गिरोह का संचालन कर रहे थे। शातिर लखनऊ के एक इंजीनियरिंग कालेज के लड़कों को बुलाकर 25-30 हजार रुपये में दो से तीन अकाउंट खरीदते थे।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 02:01 AM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 04:07 AM (IST)
कानपुर में पकड़ा गया साइबर ठगों का गिरोह, कई प्रांतों के बीमाधारकोंं को लगाई करोड़ों की चपत, जानिए- कैसे
पकड़े गए सभी आरोपितों की फाइल फोटो।

कानपुर, जेएनएन। Big Cyber Fraud In Kanpur बर्रा में इंश्योरेंस प्रीमियम में छूट के नाम पर बीमा धारकों की रकम हड़प कर धोखाधड़ी करने वाले साइबर ठग करीब 33 खातों के जरिए लोगों की रकम हड़पते थे। इसमें क्राइम ब्रांच अभी सिर्फ पांच अकाउंट ही ट्रेस कर पाई है। ट्रेस हुए खातों में 27 लाख के ट्रांजेक्शन होने की जानकारी हुई है। क्राइम ब्रांच और बर्रा पुलिस अन्य खातों के ट्रेस करने के साथ विभिन्न बीमा कंपनियों से धोखाधड़ी के शिकार हुए बीमा धारकों का डाटा जुटा रही है।

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ये है पूरा मामला: बर्रा तात्याटोपे नगर निवासी अमित गुप्ता के साथ 15 अप्रैल 2021 को इंश्योरेंस का प्रीमियम जमा करने के नाम पर साइबर ठगों ने 51 हजार की ठगी कर ली थी। जिसकी जांच क्राइम ब्रांच कर रही थी। छानबीन में पुलिस के हत्थे इश्योरेंस का प्रीमियम जमा करने के बदले छूट देने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाला गिरोह हत्थे चढ़ा था। पूछताछ में शातिरों ने अपना नाम डलमऊ रायबरेली निवासी वरुण, उसका भाई करन, उत्तम नगर दिल्ली निवासी करन शर्मा, वहीं का आमन, दिल्ली निवासी आशीष कनौजिया उर्फ जटायु, घटिया अजमत अली नौरंगाबाद इटावा निवासी शिवम उर्फ फई बताया था। एडीसीपी अपराध ने गुरुवार को राजफाश करते हुए बताया कि शिवम गिरोह का सरगना है। आरोपितों के पास से एक लैपटाप, चार एटीएम, 15 मोबाइल चार्जर, आठ मोबाइल, 7440 रुपये की नकदी, 11 सिमकार्ड और विभिन्न कंपनियों का बीमा धारकों का डाटा बरामद हुआ था। गुरुवार को सभी आरोपितों को पुलिस ने जेल भेजा है।

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लखनऊ के एक फ्लैट से हो रहा था गिरोह का संचालन: एडीसीपी अपराध दीपक भूकर ने बताया कि आरोपित लखनऊ में किराए पर फ्लैट लेकर गिरोह का संचालन कर रहे थे। शातिर लखनऊ के एक इंजीनियरिंग कालेज के लड़कों को चाय और सिगरेट की दुकान पर बुलाकर 25-30 हजार रुपये में दो से तीन अकाउंट खरीदते थे। क्राइम ब्रांच को फर्रुखाबाद के युवक के खाते के बारे में पता चला है कि एक माह के भीतर उस खाते में 11 लाख के ट्रांजेक्शन हुए थे। जिस समय पुलिस ने उसे फ्रीज कराया। उसमें सिर्फ 98 हजार रुपये ही थे।

दिखाने के लिए रेडीमेड कपड़ों का काम: पकड़े गए शातिर ठग अमन और आशीष दोनों लोगों की नजर में रेडीमेड कपड़ों की दुकान लखनऊ में चलाते थे। लेकिन उनका मूल काम साइबर अपराध करना ही था। जिसके जरिए महीने में दो लाख रुपये तक कमा लेते थे। अमन पहले काल सेंटर में काम कर चुका है। अंग्रेजी अच्छी बोलता था। अच्छी डीलिंग करने वाले को कमाई रकम का 25 फीसद हिस्सा अलग से मिलता था। दो माह पहले ही अमन गिरोह के संपर्क में आया था।

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से प्राप्त किया था प्रशिक्षण: वरुण और शिवम का दोस्ताना पुराना है। दोनों दिल्ली के एक ही काल सेंटर में पहले काम करते थे। इससे पहले अमन डीपीएल कंपनी में मल्टीलेवल मार्केटिंग का काम करता था। शिवम ने लखनऊ आने के बाद शिवम ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से आइटी के काम का तीन माह का प्रशिक्षण प्राप्त किया था और पूरा कौशल लोगों से ठगी में लगाया।

केनोपी लगाकर सिम बेचने वालों से खरीदे थे कार्ड: पकड़े गए आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि सड़क किनारे केनोपी लगाकर सिमकार्ड बेचने वालों से सेटिंग करके चार से पांच सौ रुपये में शातिर फेक आइडी वाले प्रीएक्टीवेटेड सिमकार्ड खरीदते थे। जितने भी सिमकार्ड आरोपितों के पास से मिले हैं। सभी लखनऊ से खरीदे जाने की जानकारी हुई है।

मनाली में जाते थे अय्याशी करने: लोगों से ठगी करके कमाई रकम से शातिर ब्रांडेड कपड़े, जूते, मोबाइल, चश्मा आदि खरीदने के साथ सालाना ट्रिप पर मनाली घूमने जाते थे। वहां अय्याशी भी करते थे। पुलिस को शातिरों के मोबाइल से ट्रिप के कुछ फोटोग्राफ मिले हैं। 


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