हर्षिता को इंसाफ दिलाने सड़क पर उतरे शहरवासी, ताकि फिर कोई बेटी न बने शिकार Kanpur News
एलनगंज स्थित एल्डोराडो अपार्टमेंट में सातवीं मंजिल से गिरकर हर्षिता की मौत पर पति सास व ससुर की गिरफ्तारी हो चुकी है।
कानपुर, जेएनएन। हर्षिता को इंसाफ दिलाने के लिए शहरवासी एकजुट हो गए हैं। बुधवार की शाम मोतीझील में लोगों ने हाथों में पोस्टर लेकर मार्च निकालकर हर्षिता की मौत की सचाई सामने लाने और गुनाहगारों को सजा दिलाने के लिए आवाज बुलंद की।
ये हुई थी घटना
एलनगंज स्थित एल्डोराडो अपार्टमेंट में सातवीं मंजिल पर बने फ्लैट में रहने वाले धागा कारोबारी उत्कर्ष अग्र्रवाल की पत्नी हर्षिता की नीचे गिरकर मौत हो गई थी। हर्षिता के पिता ने दहेज में 25 लाख रुपये न देने पर दामाद उत्कर्ष, उसके पिता व उसकी मां रानू अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने सास, ससुर और पति को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। पुलिस को जांच में कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जो हत्या की ओर इशारा कर रहे हैं।
महिला उत्पीडऩ मामलों के लिए बने फास्ट ट्रैक कोर्ट
हर्षित को इंसाफ दिलाने के लिए मार्च में ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वूमेंस ऑर्गेनाइजेशन की अध्यक्ष सुभाषिनी अली भी शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए कानून तो बने हैं लेकिन उनका सख्ती से पालन नहीं कराया जा रहा है। इसी वजह से आज भी घरों के अंदर महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं। अब जरूरत है कि महिला उत्पीडऩ के मामलों के लिए जिलों फास्ट ट्रैक कोर्ट बनें ताकि ऐसे मामलों का तेजी से निस्तारण हो सके। उन्होंने कहा कि देखने में आता है कि घरेलू हिंसा के मामलों में पुलिस भी ढुलमुल रवैया अपनाती है और काउंसलिंग में भेजकर रफा-दफा करने की कोशिश की जाती है। अगर महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं तो उनका उत्पीडऩ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
न्याय के लिए मोतीझील में मार्च
हर्षिता को इंसाफ दिलाने के लिए बुधवार की शाम परिजनों के साथ शहर की चर्चित हस्तियां मोतीझील स्थित राजीव वाटिका में जुटीं। आरोपित ससुरालवालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और न्याय की मांग करते हुए हर्षिता के परिजनों के साथ शहरवासियों ने कारगिल पार्क से केडीए चौराहा तक पैदल मार्च किया। हाथों में हत्यारों को फांसी दो, हर्षिता न्याय मांगे लिखी तख्तियां लेकर लोगों ने रोष व्यक्त किया। पिता पदम, मां संतोष व बहनोई रोहन ने कहा कि इसके पीछे कोशिश यही है कि किसी बेटी के साथ ऐसी कोई घटना न घटित हो। जस्टिस फॉर हर्षिता की मुहिम में शामिल काउंसलर सीमा जैन ने सवाल किया कि जब इतने पढ़े लिखे परिवार में ऐसी घटना हो गई तो महिलाएं सुरक्षित कहां हैैं?
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