धरातल पर नहीं उतर सकी स्वरोजगार योजनाएं
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार की
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाएं बैंकर्स की मनमानी से धरातल पर नहीं उतर सकी। समाजवादी युवा स्वरोजगार योजना हो या पीएमईजीपी (प्रधानमंत्री इंप्लाईमेंट जनरेशन प्रोग्राम) दोनों योजनाओं में वित्तीय लक्ष्य पूरा करने के लिए आवेदनों को बैंकों ने कागजी स्वीकृति तो दे दी, पर अभी तक किसी भी आवेदक के हाथ में रोजगार शुरू करने के लिए धन नहीं पहुंचा है।
प्रदेश की पूर्व सरकार ने युवाओं को रोजगार देने के लिए समाजवादी युवा स्वरोजगार योजना शुरु की थी। जिसमें जिले के 18 युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य था। जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से पात्रों का चयन पर 24 आवेदन पत्रावली संबधित बैंकों को भेजी गई थी। बैंकों में पत्रावलियां पहुंचने के बाद बैंक कर्मियों ने लाभार्थियों को इतने नियम बता दिए कि अधिकांश लौटकर दोबारा बैंक ही नहीं गए। बची हुई पत्रावलियां बैंकों में पड़े धूल खाती रहीं। जिला उद्योग केंद्र के अफसर बैंकों के चक्कर काटकर लक्ष्य पूरा करने के लिए पसीना बहाते रहे। बैंकर्स की मनमानी की कई बार उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट दी गई। बैठकों में अधिकारियों ने बैंक के अफसरों को योजना का लक्ष्य पूरा करने के लिए नियमों में शिथिलता बरतने के साथ ऋण स्वीकृत करने के निर्देश दिए। बैंकर्स पर इसका भी कोई असर नहीं पड़ा। वित्तीय वर्ष समापन से पहले समाजवादी युवा स्वरोजगार योजना में 18 के सापेक्ष केवल 11 पत्रावलियों को बैंकों ने स्वीकृति दी। जिससे जिले का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका। पीएमईजीपी में 22 ऋण का लक्ष्य था जिसमें 13 आवेदकों को ही स्वीकृति मिल सकी है। अधिकांश लाभार्थियों को अभी तक धन न मिलने से वह अपना रोजगार स्थापित नहीं कर पा रहे हैं। सहायक आयुक्त नेहा ¨सह ने बताया कि बैंक के अधिकारियों की वजह से योजनाओं के क्रियान्वयन में परेशानी आ रही है। उच्चाधिकारियों को इस बारे में अवगत करा दिया गया है।