SIR IN UP: रामगोपाल यादव का एसआईआर को लेकर बड़ा आरोप, सपा समर्थित बूथों पर बीएलओ नहीं कर रहे ठीक काम
रामगोपाल यादव ने उत्तर प्रदेश में एसआईआर को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं कि सपा समर्थित बूथों पर बीएलओ ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बीएलओ की भूमिक ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, कन्नौज। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने सपा कार्यालय में पार्टी के नेताओं के साथ बैठक की। उन्होंने बूथ स्तर पर सभी मतदाताओं के एसआइआर फार्म भराने पर जोर दिया। आरोप लगाया कि सपा समर्थित बूथों पर बीएलओ ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। इसकी शिकायत निर्वाचन आयोग से की जाएगी।
एसआइआर की समीक्षा बैठक में राष्ट्रीय महासचिव सपा जिलाध्यक्ष कलीम खान और ब्लाक स्तर पर तैनात किए पार्टी के नेताओं से एसआइआर में आ रही समस्याओं के बारे में जानकारी की। कहा कि पार्टी के पढ़े-लिखे कार्यकर्ताओं और नेताओं को एसआइआर में लगाया जाए। उन्होंने बताया कि जानकारी में आया है कि शहर के शेखाना बूथ पर 1035 मतदाता हैं, लेकिन बीएलओ ने सिर्फ 750 मतदाताओं के फार्म फीड किए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि सपा समर्थित बूथों पर बीएलओ ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। निर्वाचन आयोग से इसकी शिकायत की जाएगी।
बैठक में पूर्व विधायक कल्यान सिंह दोहरे, अरविंद दोहरे, जयकुमार तिवारी, हसीब हसन, डा. सुनील दिवाकर, पीपी सिंह बघेल, इरफानुल हक कादरी, यश दोहरे, अनिल पाल, राजेश पाल, कमलेश कटियार, अवधेश कुशवाहा, शशिमा सिंह दोहरे, अर्चना मिश्रा समेत कई लोग मौजूद रहे।
इधर, एसडीएम ने पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ की बैठक
विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआइआर) की चल रही प्रक्रिया के बीच एसडीएम ने तहसील सभागार में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि जिन मतदाताओं के प्रपत्र सी कैटेगरी में डिजिटाइज होंगे, उनको एइआरओ की ओर से नोटिस दिया जाएगा, जिसमें मतदाता होने का साक्ष्य देने पर ही वोट पक्का होगा। मंगलवार को एसडीएम ज्ञानेंद्र कुमार द्विवेदी ने विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बताया कि एसआइआर की ए कैटेगरी में वह व्यक्ति हैं जिनका नाम 2003 की मतदाता सूची में है, बी कैटेगरी में वह हैं, जिनके माता-पिता का नाम 2003 की मतदाता सूची में हैं। जबकि सी कैटेगरी में वह हैं जिनका नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं है। एसआइआर के कार्य में राजनीतिक दलों के बीएलए (बूथा लेवल एजेंट) भी सक्रियता के साथ लगे हुए हैं। इन एजेंटों का पूरा डाटा चुनाव आयोग के पास है। गलत सूचना देने पर बीएलए की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी।

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