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गिरवी जेवर रख चमकाई पंचायत, मिला पुरस्कार

संवाद सहयोगी तिर्वा उमर्दा ब्लॉक की ग्राम पंचायत परसरामऊ को स्वछ भारत मिशन के तहत जिले में पांचवां स्थान मिला था। उस दौरान डीएम ने पंचायत को सम्मानित किया था। प्रोत्साहन के तौर पर ग्राम पंचायत में स्वछता के तहत दो लाख का अतिरिक्त बजट भी मिला था।

By Edited By: Published: Sun, 14 Feb 2021 07:16 PM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2021 07:18 PM (IST)
ग्रामीणों की जुबानी गलियां पक्की बन जाने से आने-जाने में व रात में दिक्कतें नहीं होती।

संवाद सहयोगी, तिर्वा : उमर्दा ब्लॉक की ग्राम पंचायत परसरामऊ को स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले में पांचवां स्थान मिला था। उस दौरान डीएम ने पंचायत को सम्मानित किया था। साथ ही प्रोत्साहन के तौर पर ग्राम पंचायत में स्वच्छता के तहत दो लाख का अतिरिक्त बजट भी मिला था। जिसे पूर्व प्रधान राजू राजपूत ने विकास पर खर्च किए। इससे गांव की गलियां व नालियां पक्की बनवा दी गई। सभी मजरों में नालियां व गलियों को पक्का कराया गया। स्वच्छता के बाद गांव में शिक्षा व स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए जोर दिया गया गया। इसी बीच गोशाला बनाने व गोवंश पालने की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई। स्कूलों में रसोइघर, इज्जतघर, दीवारों पर बालापें¨टग, सबमर्सिबल लगवाई। वित्तीय वर्ष में बजट कम पड़ गया तो पत्नी के जेवरात एक संस्था में गिरवी रख कर काम कराया। हालांकि विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन कार्यकाल समाप्त होने से भुगतान रुक। अभी तक जेवरात को भी नहीं छुटा सके हैं। ग्रामीणों की जुबानी गलियां पक्की बन जाने से आने-जाने में व रात में दिक्कतें नहीं होती। रास्ता आसान हो गया। चौपहिया वाहन व एंबुलेंस दरवाजे तक पहुंच जाती है। शिव कुमार गांव में बिजली व पानी की किल्लत में नहीं है। हैंडपंप व सबमर्सिबल से भरपाई हो जाती। बच्चों, बुजुर्ग व महिलाओं को घरेलू कामकाज में काफी सहूलियत मिली है। महेंद्र कुमार गांव में स्वास्थ्य केंद्र बन जाए तो आसान होगा। गर्भवती महिलाओं को दिक्कतें होती। रात में तकलीफ होने पर तिर्वातक दौड़ लगानी पड़ती है। चंद्रशेखर स्कूल बेहतर होने से ग्रामीणों ने अपने बच्चों को कांवेंट स्कूलों में भेजना बंद कर दिया। भवन की बाल पे¨टग मनमोहक है। इससे बच्चे आसानी से पढ़ाई करते हैं। सुभाष कुमार एक नजर पंचायत पर ब्लॉक - उमर्दा ग्राम पंचायत - परसरामऊ मतदाता - 2493 आबादी - 7280 आवास - 346 मजरा - मझरेटा, परसरामऊ, सूरजपुर, मदारीपुर, पट्टी वर्ष 1972 से 83 तक पिता मातादीन प्रधान रहे। 1993 में फिर पिता प्रधान बनें, लेकिन 1995 में उनकी मृत्यु हो गई। 1997 से 2005 तक बड़े भाई राजेंद्र राजपूत को जनसेवा का मौका मिला। वर्ष 2010 से 15 तक माता रूपरानी प्रधान बनी और 2015 में खुद कमान संभाल ली थी। इस पंच वर्षीय योजना में स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य पर जोर दिया गया है। राजू राजपूत, पूर्व प्रधान प्रधान ने खुद के निजी स्कूल में गोशाला के लिए जगह दी। अभी तक अस्थायी तौर पर वहीं पर गोशाला चल रही। इसके साथ ही गांव में विकास कार्य भी बेहतर कराए गए। पात्रों को प्राथमिकता देकर काम कराया गया है। सरला देवी, बीडीओ, ब्लॉक उमर्दा

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