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अब 7 दिन होगी धैर्य की अग्निपरीक्षा

साँसों का संघर्ष 0 ऑक्सिजन के लिए प्रशासन ने झोंकी ताकत 0 कई राज्यों से साधा सम्पर्क 0 एक सप्त

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 01:00 AM (IST)
अब 7 दिन होगी धैर्य की अग्निपरीक्षा

साँसों का संघर्ष

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0 ऑक्सिजन के लिए प्रशासन ने झोंकी ताकत

0 कई राज्यों से साधा सम्पर्क

0 एक सप्ताह में हो सकती है व्यवस्था

झाँसी : यकीन जानिए - हालात बेहद नाजुक स्थिति में पहुँच गए हैं। अगले 7 दिन ़िजन्दगी को साँसों के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ सकता है। प्रतिदिन 20 ह़जार लिटर ऑक्सिजन की आवश्यकता है। हर दिन एक टैंकर ऑक्सिजन का इन्त़जाम करना है, जिसके लिए प्रशासन ने ताकत झोंक दी है। देश के कई राज्यों से सम्पर्क साधा जा रहा है। फिलहाल, अगले 2 दिन का इन्त़जाम हो गया है, लेकिन इसके बाद 5-6 दिन के लिए ऑक्सिजन कहाँ से मिलेगी, इसे लेकर फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता है। इन 7 दिनों में प्रशासन ़िजन्दगी के लिए दोहरी जंग लड़ेगा। ऑक्सिजन मँगाने के साथ झाँसी में हवा से ऑक्सिजन बनाने के दो प्लाण्ट स्थापित करने का काम होगा। इसकी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इसके अलावा कुछ निजी अस्पतालों को भी टेकअप किया जा रहा है, जिसके बाद संसाधनों में बढ़ोत्तरी हो जाएगी। इससे कोविड मरी़जों को कुछ राहत मिल सकेगी। पर, अब सबसे बड़ी ़िजम्मेदारी हम-आपकी है, जिन्हें इन सीमित संसाधनों के साथ ही ़िजन्दगी को आगे बढ़ाना है। विश्वास है कि धैर्य की इस अग्निपरीक्षा में झाँसी पूरी तरह से सफल होगी।

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'हवा' से बनेगी ऑक्सिजन

0 मेडिकल कॉलिज व ़िजला अस्पताल में जल्द शुरू होगा प्लाण्ट

0 एक सप्ताह में मिल सकती है साँसें

झाँसी : ऑक्सिजन को लेकर मचे त्राहिमाम् पर विराम लगाने के लिए अब हवा में घुली ऑक्सिजन के उपयोग का निर्णय लिया गया है। इसके लिए मेडिकल कॉलिज व ़िजला अस्पताल में प्लाण्ट स्थापित किया जाएगा। काम शुरू हो गया है और यदि कोई बाधा नहीं आई तो अगले 2 से 3 सप्ताह में यह प्लाण्ट ऑक्सिजन का उत्पादन करने लगेंगे।

कोरोना महामारी का आक्रमण एक सप्ताह से बेहद ख़्ातरनाक हो गया है। इस दरम्यान 5 ह़जार से अधिक कोरोना संक्रमित मरी़ज विभिन्न अस्पतालों में भर्ती किए जा चुके हैं, जिसमें से 300 से अधिक मरी़ज गम्भीर स्थिति में हैं। इस बार संक्रमित मरीज के साथ सबसे बड़ी दिक्कत ऑक्सिजन लेविल कम होने से आ रही है। इससे ऑक्सिजन की डिमाण्ड अचानक बढ़ गई है। झाँसी में प्रतिदिन 20 ह़जार लिटर ऑक्सिजन की आवश्यकता है। इसकी पूर्ति के लिए प्रशासन को पूरी ता़कत लगानी पड़ रही है। पर, इस जरूरत का स्थायी समाधान भी निकालने की कोशिशें ते़ज कर दी हैं। ़िजलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने बताया कि मेडिकल कॉलिज में ऑक्सिजन जेनरेशन प्लाण्ट स्थापित किया जा रहा है। शासन से धनराशि मिलने के बाद प्लाण्ट का काम शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही ़िजला अस्पताल में भी ऑक्सिजन जेनरेशन प्लाण्ट का काम शुरू होने जा रहा है। अगले 2 से 3 सप्ताह में यह दोनों प्लाण्ट ऑक्सिजन का उत्पादन करने लगेंगे। यह प्लाण्ट हवा में घुली ऑक्सिजन को मानव जीवन के उपयोग के लिए बनाएगी।

फोटो हाफ कॉलम डीएम

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14 ह़जार लिटर हो सकेगा ऑक्सिजन उत्पादन

़िजलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने बताया कि मेडिकल कॉलिज में प्रतिदिन 10 ह़जार लिटर ऑक्सिजन की आवश्यकता है। इसके सापेक्ष यहाँ लगने वाला प्लाण्ट 9 ह़जार लिटर ऑक्सिजन का उत्पादन करेगा। इसके साथ ही ़िजला अस्पताल में भी लगभग 5 ह़जार लिटर की क्षमता का ऑक्सिजन प्लाण्ट स्थापित होने जा रहा है।

फोटो हाफ कॉलम डॉ. सेंगर

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फ्री हो जाएंगे 525 सिलिण्डर

मेडिकल कॉलिज के प्राचार्य डॉ. एनएस सेंगर ने बताया कि मेडिकल कॉलि़ज में अभी 525 सिलिण्डर से ऑक्सिजन की आपूर्ति की जाती है। यहाँ ऑक्सिजन जेनरेशन प्लाण्ट स्थापित होने के बाद यह सभी सिलिण्डर फ्री हो जाएंगे, जिसका उपयोग अन्य अस्पतालों में किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि शासन ने धनराशि उपलब्ध करा दी है, जिससे अन्य आवश्यक उपकरण की भी जल्द खरीद की जाएगी।

बढ़ाई जा सकेगी बेड की संख्या

मेडिकल कॉलि़ज में ऑक्सिजन जेनरेशन प्लाण्ट स्थापित होने के बाद यहाँ बेड की संख्या बढ़ा जा सकेगी। डॉ. सेंगर ने बताया कि अभी मेडिकल में 250 बेड तक ऑक्सिजन की पाइप लाइन है, जिसे बढ़ाकर 350 बेड से अधिक किया जा सकेगा।

फाइल : राजेश शर्मा


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