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दो कच्चे घर धराशायी, परिवार आए खुले आसमान के नीचे

गतदिवस क्षेत्र में हुई बरसात के बाद गांवों में जलभराव के चलते कच्चे घरों के जमींदोज होने का सिलसिला थम नहीं रहा है। सोमवार की रात लवायन गांव में दो और कच्चे मकान धराशायी हो गए। बेघर हुए दोनों परिवार खुले आसमान के नीचे आ गए हैं। पात्र होने के बाद बावजूद आज तक इन्हें सरकारी आवास मयस्सर नहीं हो सका।

By JagranEdited By: Updated: Tue, 28 Sep 2021 07:35 PM (IST)
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दो कच्चे घर धराशायी, परिवार आए खुले आसमान के नीचे

जागरण संवाददाता, खुटहन (जौनपुर) : गतदिवस क्षेत्र में हुई बरसात के बाद गांवों में जलभराव के चलते कच्चे घरों के जमींदोज होने का सिलसिला थम नहीं रहा है। सोमवार की रात लवायन गांव में दो और कच्चे मकान धराशायी हो गए। बेघर हुए दोनों परिवार खुले आसमान के नीचे आ गए हैं। पात्र होने के बाद बावजूद आज तक इन्हें सरकारी आवास मयस्सर नहीं हो सका। इसके पूर्व भी क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में आधा दर्जन लोगों के कच्चे घर धराशायी हो चुके हैं।

उक्त गांव निवासी उमेश पासवान सोमवार की रात भोजन के बाद बच्चों के साथ कच्चे मकान की दीवार के सहारे लगे छप्पर में सो रहे थे। उसी समय मकान के पीछे की दीवार अचानक ढह गई। आवाज सुनकर सभी बाहर सुरक्षित स्थान की तरफ भाग गए। इसी गांव के बेगराजपुर पुरवा निवासी सोमारू राम का घर भी इसी तरह ढह गया। गनीमत थी कि कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन मलबे में दब जाने से गृहस्थी के हजारों रुपये मूल्य के सामान नष्ट हो गए।

मेहनत-मजदूरी कर आजीविका चलाने वाले उमेश पासवान व सोमारू राम के परिवार खुले आसमान के नीचे जिदगी बसर करने को विवश हो गए हैं।