Move to Jagran APP

यज्ञ के धुएं से वायुमंडल होता शुद्ध

संवाद सहयोगी जालौन मनुष्य को शांत चित्त से अपने आराध्य का स्मरण करना चाहिए। इससे मानसिक श्

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Feb 2021 07:08 PM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2021 07:08 PM (IST)
यज्ञ के धुएं से वायुमंडल होता शुद्ध

संवाद सहयोगी, जालौन : मनुष्य को शांत चित्त से अपने आराध्य का स्मरण करना चाहिए। इससे मानसिक शांति मिलती है। यह बात दक्षिणेश्वर हनुमान मंदिर पर आयोजित शतचंडी महायज्ञ में भगवताचार्य पं. रामश्याम तिवारी ने कही।

चुर्खीरोड स्थित दक्षिणेश्वर हनुमान मंदिर में नौ दिवसीय शतचंडी महायज्ञ का आयोजन मां वनखंडी देवी कालपी धाम के महंत जमुनादासजी के निर्देशन में किया जा रहा है। भागवताचार्य ने कहा कि यज्ञ के हवन से निकले धुएं से वायुमंडल शुद्ध होता है। यज्ञ से बड़ा कोई पुण्य कार्य नहीं है। सत्य युग से ही यज्ञ की परंपरा चली रही है। मनुष्य को शांत चित्त से अपने आराध्य का स्मरण करना चाहिए। ताकि मानसिक संतुष्टि का अनुभव हो सके। अग्नि प्रवेश के बाद से ही शतचंडी महायज्ञ के दूसरे दिन भी यज्ञ परिक्रमा में श्रद्धालु महिला पुरूष भक्तों की भीड़ उमड़ी रही। दूसरी ओर दुर्गा सप्तशती पाठ का भी आयोजन हो रहा है। रात्रि 7 से 10 बजे तक लेखराज रास मंडल श्रीधाम वृंदावन की ओर से रासलीला का आयोजन किया गया। आयोजन में रामराजा निरंजन, नितिन मित्तल, कुलदीप पुरवार, संजू खत्री, गिरीश गुप्ता सहित कई लोगों ने सहयोग किया।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.