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पीआरवी में तैनात होमगार्ड की मार्ग दुर्घटना में मौत

संवाद सूत्र महेबा चुर्खी निवासी कालपी थाने में तैनात पीआरवी चालक रविवार को बाइक से कालपी

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 06:05 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 06:05 PM (IST)
पीआरवी में तैनात होमगार्ड की मार्ग दुर्घटना में मौत

संवाद सूत्र, महेबा : चुर्खी निवासी कालपी थाने में तैनात पीआरवी चालक रविवार को बाइक से कालपी से गांव जा रहा था। मदारीपुर मार्ग पर टड़वा संपर्क मार्ग के पास सामने से आ रही बोलेरो ने सीधे टक्कर मार दी जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इलाज के लिए स्वजन उसे झांसी ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।

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ग्राम चुर्खी निवासी रामप्रकाश सिंह का 48 वर्षीय पुत्र रामराज सिंह होमगार्ड का जवान कालपी थाने में पीआरवी गाड़ी का चालक था। जो ड्यूटी के बाद रविवार रात 8 बजे के आसपास बाइक से गांव जा रहा था। जोलल्हूपुर मदारीपुर मार्ग पर टड़वा श्रमदान के पास सामने से आ रही बोलेरो ने उसकी बाइक में सीधी टक्कर मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल होकर वहीं गिर गया। इसके बाद राहगीरों ने उसके स्वजन को सूचना दी। भाई शिवराज सिंह ने बताया कि हेलमेट लगाए होने की वजह से सिर में कोई चोट नहीं थी दाहिना पैर जख्मी हो गया था। जिन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया जहां से डाक्टरों ने झांसी रेफर कर दिया था। झांसी ले जाते वक्त उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। स्वजन को जैसे ही मौत की खबर मिली तो पत्नी सीमा एवं पुत्र अनमोल का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

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किराये के मकान में रहता था

होमगार्ड परिवार सहित कालपी में किराए के मकान में रहता था। परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी उसी पर थी।पुत्र 12वीं कक्षा में शिक्षा पा रहा है। रामराज सिंह सन 2001 में होमगार्ड में नियुक्त हुए थे।

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ससुराल में भी छाया मातम

युवक की ससुराल महेबा गांव में पृथ्वीराज सिंह के यहां थी घटना की जानकारी जैसे ही महेबा में हुई तो सीमा के मायके में मातम छा गया सीमा के मां की पहले ही मौत हो चुकी थी।

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पुत्र के जन्मदिन पर घर में हो रहा था रामायण पाठ

होमगार्ड जवान व पीआरवी वाहन के चालक रामराज सिंह के गांव चुर्खी में घर पर अखंड रामायण का पाठ चल रहा था। स्वजन ने बताया की सोमवार को रामराज सिंह के पुत्र अनमोल का जन्मदिन था। जन्मदिन के अवसर पर कई सगे संबंधियों को आमंत्रित किया गया था। तैयारी को लेकर वह कालपी ड्यूटी करने के बाद रात में गांव जा रहे थे तभी मार्ग दुर्घटना में मौत हो गई और सारी खुशियों पर मातम की काली छाया छा गई। सोमवार की सुबह 9 बजे तक घर पर घटना की जानकारी नहीं दी गई। घर पर जब शोक संवेदना व्यक्त करने लोग पहुंचे लोगों की भीड़ जुटने पर स्वजन को जानकारी हुई तो मंगल गीतों की जगह हाहाकार मच गया।


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