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ट्रेन चलाइए, नहीं तो खराब हो जाएगी यात्रियों की तबीयत; यात्री मदद एप पर लगा रहे मदद की गुहार

ट्रेनों के विलंबन के साथ शिकायतों का ग्राफ भी बढ़ गया है। लेटलतीफी से परेशान लोग यात्री मदद एप पर मदद की गुहार लगा रहे हैं। शिकायत पुस्तिका में भी अब शिकायतें दर्ज होने लगी हैं। सितंबर में ही 2440 यात्रियों ने लेटलतीफी की शिकायत की। काफी ट्रेनें लेट चल रही हैं जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandPublished: Fri, 13 Oct 2023 05:07 PM (IST)Updated: Fri, 13 Oct 2023 05:07 PM (IST)
ट्रेनों के विलंबन के साथ बढ़ गया शिकायतों का ग्राफ। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

प्रेम नारायण द्विवेदी, गोरखपुर। 10 सितंबर को 15021 नंबर की शालीमार एक्सप्रेस में एस टू के 33 नंबर बर्थ पर यात्रा कर रहे यात्री ने रेल मदद पर मदद की गुहार लगाई। उन्होंने बताया कि ट्रेन सलेमपुर में खड़ी है और साढ़े तीन घंटे की देरी से चल रही है। यात्री परेशान हैं। स्टेशन के वेटिंग हाल में भी ताला लटका है। स्टेशन पर खड़ा होने की भी जगह नहीं है। लोग इधर-उधर भटक रहे हैं। ट्रेन जल्दी गोरखपुर के लिए चलाइए, नहीं तो अधिकतर यात्रियों की तबीयत खराब हो जाएगी। यात्री ट्रेन ही नहीं सेना की ट्रेन को भी लेटलतीफी का सामना करना पड़ रहा है।

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पांच सितंबर को गोरखपुर जंक्शन पर रखी गई शिकायत पुस्तिका में सुल्तान सिंह ने शिकायत दर्ज की। उनका आरोप था कि ट्रेन यार्ड में चार घंटे से खड़ी है। ट्रेन को दीमापुर पहुंचने में बहुत लेट हो जाएगा। जल्दी रवाना कराएं। यह तो सिर्फ बानगी भर है। पूर्वोत्तर रेलवे के रूटों पर जुलाई, अगस्त से ही ट्रेनें लेट चल रही हैं। ट्रेनों के विलंबन से शिकायतों का भी ग्राफ बढ़ता जा रहा है। सितंबर में ही रेल मदद और हेल्पलाइन नंबर 139 पर कुल 11,880 में 2440 यात्रियों ने लेटलतीफी की शिकायत की, जो कुल शिकायतों का करीब 21 प्रतिशत है।

इन शिकायतों पर रेलवे प्रशासन ट्रेनों को समय से चलाने और समय पालन दुरुस्त करने का आश्वासन देता रहा, लेकिन आज तक समय पालन दुरुस्त नहीं हुआ। रेलवे प्रशासन का कहना है कि रेल लाइनों पर चल रहे निर्माण कार्य के चलते गाड़ियों का संचालन प्रभावित हो रहा है, लेकिन निर्माण कार्य पूरा होने के बाद तो ट्रेनों का समय पालन दुरुस्त हो जाना चाहिए।

गोरखपुर-लखनऊ, गोरखपुर-नरकटियागंज, गोरखपुर-छपरा और गोरखपुर-वाराणसी रूट पर ट्रेनें विलंब से चल रही हैं। कैंट से कुसम्ही के बीच तीसरी रेल लाइन तैयार होने के बाद भी लोगों को देवरिया से गोरखपुर पहुंचने में तीन से चार घंटे लग जा रहे। यही स्थिति गोरखपुर-लखनऊ रूट पर है। गुरुवार को ही 15707 आम्रपाली एक्सप्रेस 07:30 घंटे, 12512 राप्तीसागर एक्सप्रेस 05:30 घंटे तथा 15904 चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ 03:30 घंटे विलंब से चल रही थी। यह तब है जब रेलवे प्रशासन ट्रेनों के समय पालन को दुरुस्त करने के लिए अधिकारियों की टीम गठित की है।

अधिकारी प्रतिदिन ट्रेनों के संचालन की समीक्षा कर कमियों को दूर कर रहे हैं। इसके बाद भी गाड़ियों की लेटलतीफी दूर नहीं हो पा रही। जानकारों का कहना है कि वाराणसी जंक्शन और गोंडा-सीतापुर रूट पर निर्माण कार्य चल रहा है। आने वाले दिनों में भटनी जंक्शन यार्ड में भी नान इंटरलाकिंग होनी है। नवंबर से कोहरा भी दस्तक दे देगा। कोहरा में ट्रेनों की गति वैसे ही धीमी पड़ जाएगी। ऐसे में अब अगले साल फरवरी के बाद ही ट्रेनों का समय पालन सही हो पाएगा।

अधिकारी बोले

निर्माण कार्य के चलते ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो रहा है। प्रयास किया जा रहा है कि कम समय में नान इंटरलाकिंग हो और ट्रेनों का निरस्तीकरण कम किया जाए। निगरानी बढ़ा दी गई है, जल्द ही ट्रेनों की लेटलतीफी दूर हो जाएगी। नई लाइन, तीसरी लाइन, दोहरीकरण और आमान परिवर्तन कर ट्रैक क्षमता बढ़ाई जा रही है। आने वाले दिनों में समय पालन बेहतर होगा। इससे आमजन को लाभ मिलेगा। -पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे


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