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Railway News: रेल यात्री कृपया ध्‍यान दें, रेलवे स्‍टेशनों पर बंद हुई यह यात्री सुव‍िधा

Railway stations stop selling sheets blankets रेलवे स्‍टेशनों पर अब खरीदने पर भी कंबल और चादर नहीं मिल रहा। गोरखपुर जंक्शन स्थित प्लेटफार्म नंबर एक का डिस्पोजेबल बेडरोल किट स्टाल पिछले माह से ही बंद पड़ा है। कहीं कोई नोटिस लेने वाला नहीं है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 07 Oct 2021 12:05 PM (IST)Updated: Thu, 07 Oct 2021 06:36 PM (IST)
गोरखपुर जंक्शन पर डिस्पोजेबल बेडरोल किट स्टाल पिछले माह से ही बंद हो गया है।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Railway stations stop selling sheets & blankets : रेलवे स्‍टेशनों पर अब खरीदने पर भी कंबल और चादर नहीं मिल रहा। गोरखपुर जंक्शन स्थित प्लेटफार्म नंबर एक का डिस्पोजेबल बेडरोल किट स्टाल पिछले माह से ही बंद पड़ा है। कहीं कोई नोटिस लेने वाला नहीं है। संबंधित विभाग और अधिकारियों को भी स्टाल संचालक के बारे में पता नहीं है।

अब खरीदने पर भी नहीं मिल रहा कंबल और चादर, स्टाल बंद

जानकारों के अनुसार यात्रियों की उदासीनता के चलते स्टाल पर कंबल और चादरों की बिक्री नहीं हो पा रही थी। महीने में किसी तरह 10 से 15 कंबल या चादर सेट बिक रहा था। 24 घंटे की मजदूरी निकालनी भी मुश्किल हो गई थी। दरअसल, यात्रियों को रेलवे प्रशासन की यह सुविधा शुरू से ही नहीं भा रही है। यह तब है जब पूर्वोत्तर रेलवे रूट की 100 फीसद ट्रेनें स्पेशल के नाम पर चलने लगी हैं। गोरखपुर जंक्शन से ही रोजाना 50 हजार लोग आवागमन करने लगे हैं। अब तो डिस्पोजेबल बेडरोल के प्रति लोगों की उदासीनता को देखते हुए दूसरे स्टाल के खुलने पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। रेलवे प्रशासन ने प्लेटफार्म नंबर दो या नौ पर एक और स्टाल खोलने की योजना तैयार की है।

200 रुपये में बिक रहा था डिस्पोजेबल बेडरोल किट

प्लेटफार्म नंबर एक स्थित स्टाल को संचालित करने वाली फर्म डिस्पोजेबल लिनेन (डिस्पोजेबल बेडरोल किट) की कीमत 200 रुपये निर्धारित की है। स्पेशल ट्रेनों के नाम पर मनमाना किराया देने वाले यात्री अलग से डिस्पोजेबल लिनेन लेने के लिए स्टाल तक नहीं पहुंच रहे थे। जानकारों के अनुसार एसी कोचों के यात्री अभी भी रेलवे के निश्शुल्क बेडरोल और कोच अटेंडेंट का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन अभी उसकी उम्मीद नहीं दिख रही है।

कोरोना के कारण वातानुकूलित बोगियों से बेडरोल और पर्दे हटाए गए

कोरोना काल और रेलवे बोर्ड की मंशा को देखते हुए लग रहा है कि रेलवे की यह सुविधा भी कहीं इतिहास के पन्नों में न दर्ज हो जाए। वैसे भी यात्री अब घर से ही कंबल और चादर आदि लेकर चलने लगे हैं। एक जून 2020 से चल रहीं स्पेशल ट्रेनाें की वातानुकूलित बोगियों से बेडरोल और पर्दे हट गए हैं।


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