Budget 2021: रेलवे में विस्तार व विद्युतीकरण के लिए पर्याप्त नहीं है प्रस्तावित धन
कुल मिलाकर यदि बजट में आवंटित ढांचागत सुविधाओं पर खर्च के लिए रखा गया पांच लाख करोड़ रुपयेे से अधिक यदि इस एक वर्ष में खर्च कर दिया गया तो उद्योग बढ़ेंगे। जिससे देश में रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी।
गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वोत्तर रेलवे के पूर्व मुख्य परिचालन प्रबंधक रणविजय सिंह का कहना है कि भारतीय रेलवे के आधारभूत संरचना के विकास के लिए एक लाख दस हजार करोड़ रुपए प्रस्तावित हैं। लेकिन रेलवे के विस्तार और अगले तीन वर्षो में पूरी बड़ी लाइन के विद्युतीकरण के लक्ष्य को देखते हुए यह बजट पर्याप्त नहीं है। देश में इतनी बिजली कहां से आएगी। जिससे सभी बड़ी लाइनों पर रेलगाडिय़ों को चलाया जा सके। इसके बारे में भी कार्य योजना बनाई जानी चाहिए। क्योंकि बजट में अक्षय ऊर्जा के स्रोतों के बढ़ावे पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया है। सोलर लैंप आदि की कीमत तो कम करने के बजाय बढ़ा ही दी गई है। कुल मिलाकर यदि बजट में आवंटित ढांचागत सुविधाओं पर खर्च के लिए रखा गया पांच लाख करोड़ रुपयेे से अधिक यदि इस एक वर्ष में खर्च कर दिया गया तो उद्योग बढ़ेंगे। जिससे देश में रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी। इस वर्ष जीडीपी के नेगेटिव ग्रोथ को अगले वर्ष धनात्मक विकास में बदलने के लिए बहुत प्रयास की शायद आवश्यकता भी नहीं है। वैसे भी अब परिस्थितियों को देखते हुए साल में बजट में इतने बदलाव होते हैं कि इनके आधार पर कोई योजना बनाना शायद ही सटीक और खरी उतरे।
राष्ट्रीय रेल योजना से आएगा भारतीय रेलवे के ढांचागत विकास में सुधार
पूर्वोत्तर रेलवे के पूर्व मुख्य परिचालन प्रबंधक राकेश त्रिपाठी का कहना है कि 2021-22 के भारत सरकार के बजट में रेलवे बजट का हिस्सा लगभग 175000 करोड़ रुपए का है। जिसमें कोविड-19 काल के बावजूद 110000 करोड़ रुपए का रिकार्ड कुल परिव्यय स्वीकृत हुआ है जिसमें से 107000 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के हेतु स्वीकृत है। अभी तक लगभग 41500 किलोमीटर रेल रूटों का विद्युतीकरण हो चुका है। 2023 देश के सभी ब्रॉडगेज रूटों का विद्युतीकरण कार्य पूरा हो जाएगा। 2021 के अंत तक 46000 किलोमीटर रेल विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो जाएगा। जिससे विद्युत विद्युतीकृत मार्गों पर चलने वाली रेलों की संख्या में 72 फीसद इजाफा हो जाएगा। जून 2022 तक पश्चिमी एवं पूर्वी गलियारा (सोना नगर से गोमोह- 263.7 किमी) माल की ढुलाई के लिए खोल दिया जाएगा। इसके कुछ समय पश्चात गोमोह- दनकुनी (274.3किमी) को भी खोल दिया जाएगा। तत्पश्चात दक्षिण तटीय, पूर्व पश्चिम गलियारा एवं उत्तर दक्षिण गलियारा निर्माण पर भी कार्य चलेगा। पर्यटक रूटों पर यात्रियों की सुविधा के लिए विस्तादोम एलएचबी कोच लगाए जाएंगे। यात्रियों की सुरक्षा के लिए आंतरिक सुरक्षा प्रणाली विकसित की जाएगी। 2030 तक रेल संबंधी सभी आवश्यकताएं पूॢत कर लेने के लिए राष्ट्रीय रेल योजना बनाई जाएगी। कुल मिलाकर ढांचागत सुधार के लिए बहुत अ'छा बजट है।