उपकेंद्रों पर लगे पैनल व ब्रेकर बदले जाएंगे
गोरखपुर : बिजली निगम के अभियंताओं और ठेकेदारों के मनमाने काम का खामियाजा उपभोक्ताओं क
गोरखपुर : बिजली निगम के अभियंताओं और ठेकेदारों के मनमाने काम का खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। दोनों की मिलीभगत से बिजली निगम में 88 करोड़ की स्काडा योजना का बंटाधार कर दिया है। दो साल पहले विद्युत उपकेंद्रों पर लगे पैनल व ब्रेकर को फिर से बदला जाएगा। अधीक्षण अभियंता एके सिंह ने रिलायंस इलेक्ट्रिक लिमिटेड को पत्र लिखकर 57 पैनल व ब्रेकर तत्काल बदलने का निर्देश दिया है। अब घटिया उपकरण लगाने की पोल खुलने पर ठेकेदार भी पैनल और ब्रेकर बदलने की तैयारी में जुटा है।
शहरी क्षेत्र में विद्युत वितरण सिस्टम में सुधार के लिए पावर कारपोरेशन ने 88 करोड़ रुपये स्काडा योजना के तहत आवंटित किया था। पूर्वाचल एमडी कार्यालय से गाजियाबाद की फर्म रिलायंस इलेक्ट्रिक लिमिटेड को ठेका मिला। उसने 82 करोड़ रुपये के उपकरणों की आपूर्ति की। दो साल बाद महानगरीय एसई एके सिंह द्वारा उपकरणों की गुणवत्ता को लेकर कड़ा पत्र लिखने से ठेकेदारों में हड़कंप मचा हुआ है। स्काडा ठेकेदार भी एसई के निर्देश पर पैनल व ब्रेकर बदलने की तैयारी में जुटे है। उपकेंद्रों में लगे सुमित कंपनी के पैनल और ब्रेकर निकाल कर किसी दूसरी कंपनी के लगेंगे। उपभोक्ताओं को एक बार फिर दो से तीन दिन बिजली कटौती झेलनी पड़ेगी। अधीक्षण अभियंता एके सिंह ने कहा कि रिलायंस इलेक्ट्रिक द्वारा विभिन्न उपकेंद्रों में लगाए गए पैनल और ब्रेकर में तकनीकी फाल्ट होने की शिकायत मिल रही है। कुछ उपकेन्द्रों पर रात में बिजली संकट खड़ा होने से उपभोक्ताओं को दिक्कत हो रही है। रिलायंस इलेक्ट्रिक को पत्र लिखकर 57 पैनल और ब्रेकर बदलने का निर्देश दिया गया है।
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शुरुआत में ही उजागर होने लगी खामियां
रिलायंस इलेक्ट्रिक लिमिटेड द्वारा राप्तीनगर, सूरजकुण्ड, विकासनगर, खोराबार, तारामण्डल, लालडिग्गी उपकेंद्र में पैनल और ब्रेकर लगने के एक सप्ताह के भीतर उपकरण की तकनीकी खामी उजागर होने लगी। एसडीओ व जेई शिकायत दर्ज कराने लगे, मगर जिम्मेदारों ने उनकी आपत्ति को दरकिनार कर दिया। अब स्थिति यह है कि आए दिन रात में पैनल की ट्राली में स्पार्किंग होने से बिजली संकट खड़ा हो जा रहा है। तीन दिन पहले खोराबार उपकेंद्र के पैनल में तकनीकी फाल्ट से हजारों उपभोक्ता पूरी गर्मी व उमस से बेहाल रहे। तारामंडल, लालडिग्गी और विवि उपकेंद्र में पैनल और ब्रेकर लगने के कुछ दिन बाद ही आग लग गई थी।