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खरमास में मांगलिक ही नहीं यह कार्य भी हैं वर्जित, भूलकर भी न करें ऐसा Gorakhpur News

खरमास मांगलिक कार्य के अलावा कई अन्‍य कार्यों पर भी रोक है। खरमास में इन कार्यों को अशुभ माना जाता है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 17 Dec 2019 07:55 PM (IST)Updated: Tue, 17 Dec 2019 09:42 PM (IST)
खरमास में मांगलिक ही नहीं यह कार्य भी हैं वर्जित, भूलकर भी न करें ऐसा Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। 16 दिसंबर से खरमास शुरू हो गया है जो 15 जनवरी को खत्म होगा। इस दौरान विवाह आदि समस्त मांगलिक कार्य ठप हो जाएंगे। पुन: सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद मांगलिक कार्य शुरू होंगे।

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15 को खत्‍म होगा खरमास

ज्योतिषाचार्य पं. शरदचंद्र मिश्र के अनुसार सोमवार को सूर्य वृश्चिक राशि का परित्याग कर रात्रि में 12 बजकर 10 मिनट पर धनु राशि में जाएंगे। इसी के साथ खरमास शुरू हो जाएगा। पुन: 15 जनवरी को इस राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही खरमास समाप्त होगा। खरमास के दौरान शुभ कार्यों में प्रयुक्त तीन ग्रह- सूर्य, चंद्र और बृहस्पति में से एक का बल क्षीण हो जाता है। इसलिए इस दौरान मांगलिक कार्य नहीं होते।

खरमास में क्या करें

कुछ विद्वानों के अनुसार सूर्य और चंद्रमा और कुछ के अनुसार चंद्रमा और बृहस्पति का बल प्राप्त होने से पुंसवन, प्रसूति स्नान, जातकर्म, अन्नप्राशन, भूमि व व्यापार में क्रय-विक्रय, आवेदन पत्र लेखन, मुकदमा संबन्धी कार्य, पौधारोपण, नौकरी प्रारंभ, आभूषण निर्माण आदि कार्य करने योग्य हैं।

क्या न करें

वरवरण, कन्या वरण, विवाह संबंधी समस्त कार्य, वधू प्रवेश, द्विरागमन, गृहारम्भ, गृहप्रवेश, पुराणारंभ, कामना परक यज्ञारंभ, वेदारंभ, उपनयन, मुंडन, दत्तक पुत्र ग्रहण, विद्यारम्भ, देव प्रतिष्ठा, कर्णवेध, जलाशय- वाटिका आरंभ इत्यादि नहीं करना चाहिए।


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