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Railway News: 130 KM रफ्तार के ट्रैक पर रेंग रहीं एक्सप्रेस ट्रेनें, कैंट-कुसम्ही तीसरी लाइन पर सफर हुआ पहाड़

गोरखपुर कैंट- कुसम्ही तीसरी रेलवे लाइन पर 130 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेनों के फर्राटा भरने की उम्मीद धरी की धरी रह गई। तीसरी लाइन बिछने के बाद भी यात्रियों को राहत नहीं मिली। कैंट स्टेशन यार्ड में 20 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ही गाड़ियां चल रही हैं। ऐसे में यात्रियों की पीड़ा कम होने की बजाय और बढ़ गईं।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandPublished: Thu, 21 Sep 2023 12:19 PM (IST)Updated: Thu, 21 Sep 2023 12:19 PM (IST)
गोरखपुर कैंट- कुसम्ही रेल लाइन पर रेंग रहीं ट्रेनें। (फाइल फोटो)

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। समयपालन और ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए गोरखपुर से कुसम्ही तक बिछाई गई तीसरी रेल लाइन यात्रियों के लिए अनुपयोगी साबित हो रही है। करोड़ों रुपये खर्च कर तैयार कराए गए 130 किमी की गति वाले ट्रैक पर ट्रेनें रेंगते हुए चल रही हैं। यह बात और है कि रेल संरक्षा आयुक्त ने निरीक्षण के बाद नई रेल लाइन पर 90 किमी प्रति घंटे की गति से ट्रेनें चलाने की अनुमति दी है।

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उम्मीदों पर फिरा पानी

यात्रियों को उम्मीद थी कि नान इंटरलाकिंग के बाद उनकी यात्रा सुगम हो जाएगी, लेकिन रेलवे ने उनकी पीड़ा और बढ़ा दी है। दस किमी का सफर पहाड़ चढ़ने जैसा हो गया है। मंगलवार को ही वैशाली को कुसम्ही से गोरखपुर पहुंचने में करीब एक घंटा लग गया था। इसी तरह बुधवार को बाघ एक्सप्रेस के चौरी चौरा से गोरखपुर जंक्शन पहुंचने में करीब दो घंटे से अधिक लग गए। रेलवे की इस व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं।

देवरिया से गोरखपुर के बीच आकर अटक जा रहीं ट्रेनें

मुंबई, पुणे व अहमदाबाद से समय से पहुंचकर भी ट्रेन देवरिया से गोरखपुर के बीच आकर ठहर जा रहीं। ट्रेनें गौरी बाजार, सरदारनगर, कुसम्ही और कैंट स्टेशन पर रुकते हुए चल रही हैं। स्थिति यह है कि पूर्वोत्तर रेलवे का समयपालन 85 प्रतिशत से घटकर 73 प्रतिशत पर आ गया है। जानकारों का कहना है कि तीसरी रेल लाइन तो 130 किमी. प्रति घंटे की क्षमता के लायक तैयार की गई है, लेकिन रेल संरक्षा आयुक्त ने तीसरी लाइन पर अधिकतम 90 किमी प्रति घंटा तथा कैंट स्टेशन यार्ड में भी रन-थ्रू ट्रेनों के लिए निर्धारित 30 की जगह 20 किमी प्रति घंटे की गति की अनुमति प्रदान की है।

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कैंट स्टेशन लखनऊ और कुसम्ही वाराणसी मंडल में पड़ता है। ऐसे में ट्रेनों के आदान-प्रदान में भी कंट्रोल रूम व संबंधित अधिकारियों के बीच आपसी समन्वय नहीं बन पा रहा। जबकि, इन स्टेशनों पर निगरानी के लिए दोनों मंडल के सहायक परिचालन प्रबंधक स्तर के अधिकारी तैनात किए गए हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि कुसम्ही स्टेशन यार्ड सहित कुछ जगहों पर निर्माण कार्य चल रहा है। समयपालन को दुरुस्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। निगरानी बढ़ा दी गई है। जल्द ही ट्रेनों का समय पालन दुरुस्त हो जाएगा।


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