अब सिंगल लाइनों पर भी दौड़ेगी इलेक्ट्रिक ट्रेन
अब सिंगल रेलवे ट्रैक पर भी बिजली से ट्रेन चलाने की तैयारी की जा रही है। मतलब अब कोई गाड़ी बिना बिजली के नहीं चलेगी।
By Edited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 10:15 AM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 10:15 AM (IST)
गोरखपुर, (जेएनएन)। भारतीय रेलवे में अब सिर्फ इलेक्ट्रिक इंजनों से ही रेल गाड़ियां चलेंगी। इसके लिए सभी बड़ी रेल लाइनों (डबल या सिंगल रेल लाइन) का विद्युतीकरण होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने भारतीय रेलवे के 108 सेक्शन में पड़ने वाले 13675 रूट किमी और 16540 ट्रैक किमी रेलमार्ग के विद्युतीकरण के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है।
विद्युतीकरण के लिए 12134.50 करोड़ रुपये का बजट भी स्वीकृत हो चुका है। विद्युतीकरण वर्ष 2021-22 तक पूरा कर लिया जाएगा। भारतीय रेलवे के 108 सेक्शनों में पूर्वोत्तर रेलवे का 3440 रूट किमी भी शामिल है। जिसमें 2747 बड़ी लाइन और 692 छोटी लाइन शामिल हैं। रेलवे प्रशासन के अनुसार छोटी लाइनों का आमान परिवर्तन पूरा होते ही विद्युतीकरण शुरू हो जाएगा। वैसे भी पूर्वोत्तर रेलवे में विद्युतीकरण का कार्य तेज गति से चल रहा है।
सिंगल लाइन गोरखपुर कैंट-पनियहवा रेलमार्ग का विद्युतीकरण पूरा हो चुका है। ट्रेन चलाने की तैयारी शुरू हो गई है। बलिया-वाराणसी मार्ग पर तो मेमू ट्रेनें चलने लगी हैं। लखनऊ से छपरा रूट पर पिछले वर्ष से ही इलेक्ट्रिक इंजनों से ट्रेनें दौड़ रही हैं।
इन रूटों पर विद्युतीकरण पूरा
- लखनऊ-गोरखपुर-छपरा 463 किमी।
- गोरखपुर कैंट-पनियहवा 83 किमी।
- वाराणसी-बलिया रूट 140 किमी।
- सीतापुर-बुढ़वल रूट 100 किमी।
इन मार्गो पर चल रहा कार्य
वाराणसी-इलाहाबाद, भटनी-औंड़िहार, जौनपुर-औंड़िहार, छपरा-औंड़िहार, इंदारा-फेफना, मथुरा-कासगंज-बरेली और कासगंज-फर्रुखाबाद-रावतगंज। इन मार्गो के लिए तैयार हो चुका है प्रस्ताव : गोरखपुर-आनंदनगर-गोंडा और आनंदनगर-नौतनवां (261 किमी), गोंडा-बहराइच (59.84 किमी), हथुआ-बथुआ बाजार-भटनी नई लाइन (79.6किमी), - दुरौंधा-महराजगंज-मशरख रेलमार्ग (41.53 किमी), पनियहवां-छितौनी-तमकुही रोड(67.69 किमी), सलेमपुर-बरहज बाजार (20.25 किमी), मुरादाबाद-काशीपुर-रामनगर-रामपुर-लालकुआं-काठगोदाम (309 किमी), शाहजहांपुर-पीलीभीत-टनकपुर (145.46 किमी), मंधाना जंक्शन-ब्रह्मावर्त (8 किमी)
एनईआर में बन रहे दो इलेक्ट्रिक लोको शेड
इलेक्ट्रिक इंजनों के मरम्मत और रखरखाव के लिए पूर्वोत्तर रेलवे में दो इलेक्ट्रिक शेड बन रहे हैं। गोरखपुर और सैदपुर भीतरी में 100-100 इंजन क्षमता वाले शेड का निर्माण शुरू हो चुका है।
यह होगा फायदा
- संरक्षित होगा ट्रेनों का परिचालन, खर्चो में आएगी कमी।
- प्रति वर्ष 2.83 बिलियन लीटर तेल के साथ 13510 करोड़ रुपये की बचत।
- आसान होगी इलेक्ट्रिक इंजनों की मरम्मत व रखरखाव।
- इलेक्ट्रिक इंजनों से 15 से 20 फीसद ऊर्जा की बचत।
- संभावित दुर्घटनाएं समाप्त।
- शक्तिशाली इलेक्ट्रिक इंजनों का निर्माण।
-ट्रेन क्षमता के साथ गति भी बढेगी
- पर्यावरण में नहीं फैलेगा प्रदूषण, स्टेशनों पर भी बिजली की व्यवस्था।
सभी रेल मार्गो का होना है विद्युतीकरण
इस संबंध में पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ संजय यादव का कहना है कि सभी रेल मार्गो का विद्युतीकरण होना है। निर्धारित समय में कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। अगर नई रेल लाइन बिछाई जाती है तो उसका भी विद्युतीकरण किया जाएगा।
विद्युतीकरण के लिए 12134.50 करोड़ रुपये का बजट भी स्वीकृत हो चुका है। विद्युतीकरण वर्ष 2021-22 तक पूरा कर लिया जाएगा। भारतीय रेलवे के 108 सेक्शनों में पूर्वोत्तर रेलवे का 3440 रूट किमी भी शामिल है। जिसमें 2747 बड़ी लाइन और 692 छोटी लाइन शामिल हैं। रेलवे प्रशासन के अनुसार छोटी लाइनों का आमान परिवर्तन पूरा होते ही विद्युतीकरण शुरू हो जाएगा। वैसे भी पूर्वोत्तर रेलवे में विद्युतीकरण का कार्य तेज गति से चल रहा है।
सिंगल लाइन गोरखपुर कैंट-पनियहवा रेलमार्ग का विद्युतीकरण पूरा हो चुका है। ट्रेन चलाने की तैयारी शुरू हो गई है। बलिया-वाराणसी मार्ग पर तो मेमू ट्रेनें चलने लगी हैं। लखनऊ से छपरा रूट पर पिछले वर्ष से ही इलेक्ट्रिक इंजनों से ट्रेनें दौड़ रही हैं।
इन रूटों पर विद्युतीकरण पूरा
- लखनऊ-गोरखपुर-छपरा 463 किमी।
- गोरखपुर कैंट-पनियहवा 83 किमी।
- वाराणसी-बलिया रूट 140 किमी।
- सीतापुर-बुढ़वल रूट 100 किमी।
इन मार्गो पर चल रहा कार्य
वाराणसी-इलाहाबाद, भटनी-औंड़िहार, जौनपुर-औंड़िहार, छपरा-औंड़िहार, इंदारा-फेफना, मथुरा-कासगंज-बरेली और कासगंज-फर्रुखाबाद-रावतगंज। इन मार्गो के लिए तैयार हो चुका है प्रस्ताव : गोरखपुर-आनंदनगर-गोंडा और आनंदनगर-नौतनवां (261 किमी), गोंडा-बहराइच (59.84 किमी), हथुआ-बथुआ बाजार-भटनी नई लाइन (79.6किमी), - दुरौंधा-महराजगंज-मशरख रेलमार्ग (41.53 किमी), पनियहवां-छितौनी-तमकुही रोड(67.69 किमी), सलेमपुर-बरहज बाजार (20.25 किमी), मुरादाबाद-काशीपुर-रामनगर-रामपुर-लालकुआं-काठगोदाम (309 किमी), शाहजहांपुर-पीलीभीत-टनकपुर (145.46 किमी), मंधाना जंक्शन-ब्रह्मावर्त (8 किमी)
एनईआर में बन रहे दो इलेक्ट्रिक लोको शेड
इलेक्ट्रिक इंजनों के मरम्मत और रखरखाव के लिए पूर्वोत्तर रेलवे में दो इलेक्ट्रिक शेड बन रहे हैं। गोरखपुर और सैदपुर भीतरी में 100-100 इंजन क्षमता वाले शेड का निर्माण शुरू हो चुका है।
यह होगा फायदा
- संरक्षित होगा ट्रेनों का परिचालन, खर्चो में आएगी कमी।
- प्रति वर्ष 2.83 बिलियन लीटर तेल के साथ 13510 करोड़ रुपये की बचत।
- आसान होगी इलेक्ट्रिक इंजनों की मरम्मत व रखरखाव।
- इलेक्ट्रिक इंजनों से 15 से 20 फीसद ऊर्जा की बचत।
- संभावित दुर्घटनाएं समाप्त।
- शक्तिशाली इलेक्ट्रिक इंजनों का निर्माण।
-ट्रेन क्षमता के साथ गति भी बढेगी
- पर्यावरण में नहीं फैलेगा प्रदूषण, स्टेशनों पर भी बिजली की व्यवस्था।
सभी रेल मार्गो का होना है विद्युतीकरण
इस संबंध में पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ संजय यादव का कहना है कि सभी रेल मार्गो का विद्युतीकरण होना है। निर्धारित समय में कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। अगर नई रेल लाइन बिछाई जाती है तो उसका भी विद्युतीकरण किया जाएगा।