होली तक चलने लगेंगी डेमू ट्रेनें, यात्रियों को होगा यह फायदा Gorakhpur News
पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न रूटों पर होली तक डेमू ट्रेनें चलने लगेंगी। रेलवे प्रशासन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। फिलहाल कुछ रूटों पर डेमू की जगह पैसेंजर ट्रेनें चलाई जा रही हैं लेकिन किराया अधिक होने की वजह से इन ट्रेनों में पर्याप्त यात्री नहीं मिल रहे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न रूटों पर होली तक डेमू ट्रेनें (डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) भी चलने लगेंगी। रेलवे प्रशासन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। फिलहाल कुछ रूटों पर डेमू की जगह पैसेंजर ट्रेनें चलाई जा रही हैं, लेकिन किराया अधिक होने की वजह से इन ट्रेनों में पर्याप्त यात्री नहीं मिल रहे हैं। हालांकि डेमू ट्रेनों में भी एक्सप्रेस का ही किराया लिया जाएगा। ऐसे में इन ट्रेनों को पर्याप्त यात्री मिल पाएंगे यह कहना मुश्किल है।
इन ट्रेनों की जगह चलाई जा रहीं पैसेंजर ट्रेनें
दरअसल, स्थानीय यात्रियों की सहूलियत के लिए रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे की प्रमुख रूटों पर 23 पैसेंजर, आठ डेमू और एक मेमू सहित 32 शटल सवारी गाडिय़ों (सुबह चलकर शाम तक वापस आने वाली) को संचालित करने की अनुमति दे दी है। इनमें पैसेंजर ट्रेनों का संचालन तो शुरू हो गया है लेकिन डेमू ट्रेनें नहीं चल पा रही हैं। बढऩी, नौतनवां, सिवान और छपरा रूट पर अभी पैसेंजर ट्रेनें ही दौड़ रही हैं। जानकारों का कहना है कि औडि़हार स्टेशन यार्ड में इन ट्रेनों की मरम्मत होती हैं। लेकिन यार्ड में निर्माण कार्य के चलते इन ट्रेनों की मरम्मत नहीं हो पा रही है। 25 मार्च के आसपास नान इंटरलाकिंग भी होना है। ऐसे में यथाशीघ्र इन ट्रेनों की मरम्मत कर संचालन शुरू करा दिया जाएगा।
दरअसल, कोरोना काल में डेमू ट्रेनें खड़ी ही रहीं हैं। ऐसे में बिना मरम्मत के इन ट्रेनों को संचालित करना संभव नहीं है। इन ट्रेनों के चल जाने से रेलवे के खर्चे कम हो जाएंगे। पैसेंजर ट्रेनों को संचालित करने में अतिरिक्त खर्च बढ़ गया है। जबकि, ट्रेनों को बस के बराबर भी यात्री नहीं मिल रहे हैं। जानकारों का कहना है कि डेमू को संचालित करने में यात्री सुविधाएं बढऩे के साथ रेलवे के खर्चों में भी कमी आएगी।
इन रेलमार्गों पर चलनी हैं डेमू ट्रेनें
गोरखपुर- गोंडा
गोरखपुर- बढऩी
गोरखपुर- नौतनवां
गोरखपुर- सिवान