धर्म के आधार पर आरक्षण देश की अखंडता के लिए चुनौती: गोरखपुर में CM योगी
गोरखनाथ मंदिर परिसर में सोमवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत में योगी ने कहा कि मुस्लिमों को आरक्षण देने को लेकर विपक्षी दलों में होड़ मची है। भारत के संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी ने संविधान सभा में इसका पुरजोर विरोध किया था। इसके बावजूद कांग्रेस और इंडी गठबंधन के उसके सहयोगी दलों में मुस्लिम आरक्षण देने की होड़ लगी हुई है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्म के आधार पर आरक्षण को संविधान की मूल भावना के विपरीत बताते हुए इसे पूरी तरह असंवैधानिक कहा। कांग्रेस समेत इंडी गठबंधन के दलों को आरक्षण पर घेरते हुए हमलावर हुए सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास ही दागी है। समाजवादी पार्टी को तुष्टिकरण की हद पार करने वाली पार्टी करार देते हुए कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण को कतई स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। धर्म के आधार पर मुस्लिम आरक्षण को अगर थोपने का प्रयास हुआ तो यह देश की अखंडता के लिए चुनौती होगी।
गोरखनाथ मंदिर परिसर में सोमवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत में योगी ने कहा कि मुस्लिमों को आरक्षण देने को लेकर विपक्षी दलों में होड़ मची है। भारत के संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी ने संविधान सभा में इसका पुरजोर विरोध किया था। इसके बावजूद कांग्रेस और इंडी गठबंधन के उसके सहयोगी दलों में मुस्लिम आरक्षण देने की होड़ लगी हुई है।
भारतीय जनता पार्टी SC, ST और OBC के आरक्षण को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी प्रकार के मुस्लिम आरक्षण का विरोध करती है।
मुस्लिम आरक्षण असंवैधानिक है। इस प्रकार की कुप्रथा को थोपने का प्रयास होगा तो ये देश की अखंडता के लिए एक चुनौती होगी... pic.twitter.com/6f4PZ6FZgZ— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) May 27, 2024
सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास तो इस मामले में बहुत ही दागी रहा है। केंद्र में यूपीए सरकार के समय कांग्रेस ने 2006 में जस्टिस रंगनाथ मिश्र कमेटी गठित कर आरक्षण में ओबीसी का हिस्सा काट करके मुसलमानों को देने का कुत्सित प्रयास किया था।
इसी तरह कांग्रेस ने जस्टिस राजेंद्र सच्चर की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर कुछ मुस्लिम जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल कर अनुसूचित जाति के आरक्षण में सेंध लगाने का घिनौना प्रयास किया था। दोनों ही मामलों में भाजपा और एनडीए ने विरोध किया था।