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.तो किसानों को नहीं मिलेगा मुआवजा, रिपोर्ट में सिर्फ 20 फीसद नुकसान

फोटो नं.- 01मोदी-2 जागरण संवाददातामुरादनगर मौसम की मार से किसान भले ही बर्बादी की क

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 06:58 PM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 06:58 PM (IST)
.तो किसानों को नहीं मिलेगा मुआवजा, रिपोर्ट में सिर्फ 20 फीसद नुकसान

फोटो नं.- 01मोदी-2 जागरण संवाददाता,मुरादनगर:

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मौसम की मार से किसान भले ही बर्बादी की कगार पर पहुंच गया हो, लेकिन सरकारी रिपोर्ट किसानों का ज्यादा नुकसान नहीं मान रही है। तहसील प्रशासन ने अत्याधिक बारिश से फसलों में केवल 20 फीसद नुकसान होने की ही बात कही है। जबकि, मुआवजे का प्रावधान 33 फीसद से ज्यादा नुकसान पर है। ऐसे में किसानों में निराशा है। किसानों की मानें तो बेमौसम बरसात में उनका कम से कम 60 फीसद और कहीं-कहीं पर 90 फीसद का नुकसान हुआ है। इस बार अक्टूबर माह में ज्यादा बारिश हुई। नवंबर के शुरू में भी बारिश हुई। काकड़ा, बंदीपुर, खिमावती, कैथवाड़ी, सरना, खुर्रमपुर, ढिडार, सलेमाबाद समेत दर्जनों गांवों के पांच हजार बीघा से ज्यादा रकबे में पानी भर गया। उस वक्त धान की कटाई भी चल रही थी। अधिकांश किसानों की फसल खेतों में गल गई। ज्वार, मक्का, बाजरा व सब्जी की फसलों में लागत भी वापस नहीं आई। ईख की फसल में भी रोग आ गया। ईख का उत्पादन आधे से भी कम रह गया। कई जगह तो अभी तक भी खेतों में पानी भरा हुआ है। किसानों ने प्रशासन और तमाम जनप्रतिनिधियों से मुआवजे की मांग की थी। सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह, विधायक अजीत पाल त्यागी ने खेतों में भरे पानी की स्थिति का जायजा लिया था। उन्होंने खुद किसानों को मुआवजा दिलाने का भरोसा दिया था। लेकिन, सरकारी रिपोर्ट ने किसानों को निराश कर दिया। तहसील प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट में किसानों का महज 20 फीसद नुकसान ही माना है। सरकारी नियम के मुताबिक, किसानों को 33 फीसद से ज्यादा नुकसान होने पर ही मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। इस बारे में जिला पंचायत सदस्य अमित त्यागी का कहना है कि तहसील प्रशासन ने दफ्तर में बैठकर रिपोर्ट तैयार कर दी। कहीं कहीं तो 90 फीसद से ज्यादा नुकसान है। ईख जैसी फसल में 50 फीसद उत्पादन रह गया है। किसी ने मौके पर जाकर नहीं देखा। न ही इसमें किसानों से बात की गई। इसको लेकर आंदोलन किया जाएगा। इस बारे में तहसीलदार हरिप्रताप सिंह का कहना है कि लेखपालों ने स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की है। प्रशासन किसानों की हरसंभव मदद के लिए तैयार है।


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