गाजियाबाद, शाहनवाज अली। नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर जारी किसानों के आंदोलन में शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने उपस्थिति दर्ज करा दी। भाकियू के झंड़े के साथ किसान सीबीआइ अकादमी के निकट ट्रैक्टर-ट्राली के साथ हापुड़ रोड पर पहुंच गए, जहां पुलिसबल व बैरिकेडिंग देखकर उन्होंने वहीं, धरना देते हुए करीब साढ़े तीन घंटे हापुड़ रोड जाम रखा। भाकियू अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत के निर्देश पर शनिवार सुबह मेरठ रोड दुहाई फ्लाईओवर के नीचे पहुंचने के आह्वान के साथ किसान वापस लौट गए।
भाकियू प्रदेश उपाध्यक्ष चौ. राजबीर सिंह के नेतृत्व में किसानों ने ट्रैक्ट्रर-ट्राली लेकर गाजियाबाद की ओर कूच किया। इस बीच पुलिस-प्रशासन की ओर से हापुड़ रोड पर जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई थी। शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे किसानों को सीबीआइ अकादमी के निकट रोक लिया, जहां किसानों ने ट्रैक्टर-ट्राली को आड़े-तिरछे खड़े कर नारेबाजी करते हुए सड़क पर बैठकर धरना शुरू कर दिया, जिसकी अध्यक्षता चौ. महेंद्र मुखिया ने की। इस बीच हापुड़ रोड से गुजरने वाले वाहनों के लिए रूट डायवर्ट किया गया, जिससे यहां से गुजरने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
किसान धरने के बीच पुलिस फोर्स के साथ एसपी सिटी प्रथम अभिषेक वर्मा मौजूद रहे और किसानों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने और धरनास्थल पर रह-रहकर किसान एकता जिंदाबाद व नए कृषि कानूनों के विरोध में नारेबाजी करते रहे। अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे भाकियू अध्यक्ष चौ. नरेश के निर्देश पर शनिवार को यूपी गेट चलने के लिए मेरठ रोड पर दुहाई के निकट फ्लाई ओवर के नीचे जुटने के आह्वान के साथ ही धरना समाप्त किया। इस दौरान सिंटू नेहरा, धर्मवीर सिंह, लोकेंद्र सिंह, पप्पू नेहरा, श्रीनिवास, कृष्णपाल सिंह, विशाल चौधरी, गौरी शंकर, कुकी पंडित, बोस चौधरी आदि किसान रहे।
किसान नए कृषि कानून को वापस लेने की मांग को लेकर शुरू से ही आंदोलनरत हैं। सरकार से अपनी मांगों को शांतिपूर्ण रूप से मनवाने के लिए किसान दिल्ली आ रहे थे, जिन पर लाठीचार्ज व ठंड में पानी की बौछार की गई। बहुत से किसान घायल हुए हैं। भाकियू पूरे देश के किसानों के साथ है। शनिवार को भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान यूपी गेट से दिल्ली की ओर कूच करेंगे।
राजबीर सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष भाकियू
किसान अपनी कहने को घर से निकल चुका है। काले कानून को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पूरे देश का किसान इन नए कृषि कानूनों के खिलाफ एकजुट है। सरकार को किसानों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए वापस लेना होगा। इसके लिए किसान किसी भी तरह की कुर्बानी के लिए तैयार है।
हरेंद्र नेहरा, किसान
किसानों की बात सुनने की बजाए सरकार उन पर अत्याचार करने पर तुली है, जिसे किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। हरियाणा और पंजाब के किसानों के साथ प्रदेश का किसान एकजुट है। भाकियू के आह्वान पर बड़ी संख्या में किसान शनिवार को दिल्ली के लिए कूच करेंगे।
सुभाष तेवतिया, किसान
सरकार द्वारा विरोध के बावजूद पारित किए गए नए कृषि कानून को किसान किसी भी सूरत में मानने के लिए तैयार नहीं है। सरकार किसान भावनाओं की अनदेखी कर उन्हें दबाने का प्रयास कर रही है। इस बार किसी भी सूरत में किसान अपना हक लेने के लिए घरों से निकल चुका है।
राजेंद्र सिंह, किसान
किसानों ने हुक्का गुडग़ुड़ाया, लेते रहे चाय की चुस्कियां
धरना स्थल पर भाकियू के उसी तेवर के साथ किसानों ने हुक्का गुडग़ुड़ाया। किसान एकता और हरियाणा-दिल्ली सीमा पर किसानों की झड़प को लेकर चर्चा की। मौसम में ठंडक को देखते हुए किसान बीच-बीच में चाय की चुस्किया लेते रहे।
हाइटेक किसान मोबाइल पर देखते किसान समाचार
नए कृषि कानून को लेकर किसान आंदोलनरत हैं। हरियाणा-दिल्ली सीमा पर किसानों को दिल्ली आने से बलपूर्वक रोका गया। हापुड़ रोड पर भाकियू का झंड़ा व टोपी लगाकर बैठे किसान मोबाइल पर लाइव समाचारों को देखकर आंदोलन की चर्चा करते रहे।
अपने वाहन से चलने का आह्वान
भाकियू नेताओं ने धरना स्थल पर मौजूद किसानों से शनिवार को यूपी गेट पर अपने वाहनों से चलने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जिसके पास ट्रैक्टर-ट्राली है वह उसे लेकर चले इसके अलावा जिस पर भैंसा बोगी, मोटरसाइकिल, स्कूटर या साइकिल है वह उससे यूपी गेट के लिए दुहाई फ्लाई ओवर के नीचे सुबह 10 बजे पहुंचे।
भाकियू भानू ने भी सौंपा डीएम को ज्ञापन
भाकियू भानु की ओर से नए कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलन को समर्थन दिया गया। इसे लेकर संगठन के राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रवक्ता मास्टर मनोज नागर ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। उन्होंने कहा कि आंदोलनरत किसानों की मांग के अनुरूप नए कृषि कानूनों को वापस लिया जाए। दिल्ली आ रहे किसानों पर अत्याचार के बजाए वार्ता की जाए। उन्होंने किसानों के नलकूपों पर लगाए बिजली मीटर को हटाकर 500 रुपये महीना फिक्स चार्ज लेने व गन्ना किसानों को बकाया भुगतान करने, धान की सरकारी खरीद किए जाने की मांग की। इस मौके पर शलभ गुप्ता, ब्रज मोहन, राजबीर सिंह, कृष्ण कुमार, दीपक शर्मा, ज्ञान प्रकाश आदि मौजूद रहे।
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