आत्महत्या करने वाला पूर्व सैनिक कांग्रेस का कार्यकर्ता था : वीके सिंह
वन रैंक वन पेंशन मुद्दे पर खुदकुशी करने वाले पूर्व फौजी रामकिशन को लेकर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। केजरीवाल ने जैसे ही पूर्व फौजी को शहीद का दर्जा दिया तब राजनीतिक दलों ने अपने प्रहार और तेज कर दिए।
हापुड़ [जेएनएन]। वन रैंक वन पेंशन (OROP) मुद्दे पर खुदकुशी करने वाले पूर्व फौजी रामकिशन ग्रेवाल को लेकर राजनीति थमने की नाम नहीं ले रही है। इस पर राजनीतिक दलों की क्रिया प्रतिक्रिया लगातार जारी है। इस क्रम में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने भी इस पर अपनी तीखी टिप्पणी दी है।
उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि आत्महत्या करने वाले पूर्व सैनिक कांग्रेस के कार्यकर्ता थे। मंत्री का दावा है कि उनकी समस्या वन रैंक वन पेंशन न होकर बैंक से जुड़ी थी। मरने वाला सैनिक कांग्रेस के टिकट पर सरपंच भी बने थे। मौत पर राजनीति गलत है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग गिद्ध की राजनीति करते हैं। उन्हें और कोई काम नहीं है।
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वीके सिंह हापुड़ के पिलखुवा विकास प्राधिकरण के सभागार में धौलाना क्षेत्र में किए जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा करने यहां आए थे। वह इंदिरापूरम में सीआईएसएफ परिसर में बिजली टावर लगाने के लिए निरीक्षण करने पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने वहां पहुंचे पत्रकारों के एक सवालों का जवाब देते हुए उक्त बाते कहीं।
बता दें कि बुधवार को इस मामले पर पूरे दिन हंगामा मचा रहा। आज सुबह सोनिया गांधी के दामाद ने फेसबुक एकाउंट पर प्रतिक्रिया देकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है।
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उन्होंने आज सुबह फेसबुक एकाउंट पर लिखा है- 'पूर्व सैनिक की खुदकुशी की खबर से बेहद दुखी हूं।' उन्होेंने फेसबुक पर सवालिए लहजे में कहा -'राम किशन के परिजनों को पुलिस ने हिरासत में क्यों लिया? इसकी जांच की जानी चाहिए।'
उन्होेंने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार को सैनिकों के लिए काम करना चाहिए।
यहां पर बता दें कि दिल्ली के जंतर मंतर पर खुदकुशी करने वाले पूर्व फौजी रामकिशन ग्रेवाल के परिजनों से मिलने जा रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को कल दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया था, लेकिन थोड़ी देर रखने के बाद छोड़ दिया था।
गौरतलब है कि जंतर-मंतर पर वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर रामकिशन ग्रेवाल ने खुदकुशी कर ली थी।राम किशन के परिजनों का कहना है कि मंगलवार दोपहर रामकिशन अपने साथियों के साथ रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर से मिलने जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही रामकिशन ने जहर खा लिया। दरअसल, जो ज्ञापन रामकिशन अपनी मांगों को लेकर रक्षा मंत्री को देने जा रहे थे, उसी पर उन्होंने सुसाइड नोट लिखकर जहर खा लिया।
रामकिशन के छोटे बेटे के मुताबिक, उसके पिता ने खुद इस बात की सूचना फोन कर उसे दी थी। जहर खाने के बाद रामकिशन को राम मनोहर लोहिया अस्पताल भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान मंगलवार देर रात की उनकी मौत हो गई।