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दिल्ली-एनसीआर में बारिश के दिनों में लापरवाही से तालाब बन रहे अंडरपास

हल्की बारिश के कारण दिल्ली-एनसीआर में आजकल अंडरपास तालाब बन रहे हैं। इसके पीछे कई कारण हैं। आइए जानते हैं इन कारणों को जो इस हालात के लिए जिम्मेदार हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2020 09:06 PM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2020 09:14 PM (IST)
दिल्ली-एनसीआर में बारिश के दिनों में लापरवाही से तालाब बन रहे अंडरपास
दिल्ली-एनसीआर में बारिश के दिनों में लापरवाही से तालाब बन रहे अंडरपास

गाजियाबाद [आशीष गुप्ता]। दिल्ली-एनसीआर में बने अंडरपास लापरवाही की वजह से बारिश के दिनों में गहरे तालाब में तब्दील हो जाते हैं। कहीं पानी निकासी के लिए पंप का इंतजाम नहीं है, तो कई अंडरपास में लगी मोटरें खराब हैं। कुछ अंडरपास ऐसे भी हैं, जहां कम क्षमता की मोटर लगी है। दिल्ली, गाजियाबाद से लेकर फरीदाबाद, गुरुग्राम तक लापरवाही का आलम एक जैसा है। इसकी कीमत शहरवासी चुका रहे हैं।

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इस कारण भर जाते हैं लबालब

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के चीफ आर्किटेक्स एंड टाउन प्लानर आशीष शिवपुरी बताते हैं कि अंडरपास जमीनी स्तर से नीचे बनते हैं। ऐसे में ढलान अंडरपास की तरफ होता है। बारिश का पानी ढलान की तरफ रास्ता बनाता है। जिसकी वजह से अंडरपास पानी से लबालब भर जाते हैं।

यह है अंंडरपास निर्माण का नियम 

नियमतः इस समस्या से निपटने के लिए अंडरपास निर्माण में समय ही पंप लगाना अनिवार्य है। मोटर की क्षमता उसकी लंबाई और चौड़ाई पर निर्भर करती है। आठ महीने मोटर बंद रहती है। बारिश के मौसम में दो माह इसके क्रियाशील रहने की जरूरत होती है। ज्यादातर जगह देखा गया है कि नगर निकाय, विकास प्राधिकरण और लोक निर्माण विभाग मोटर के रखरखाव में लापरवाही बरतते हैं। उससे मोटर खराब हो जाती है और जरूरत पड़ने पर नहीं चलती। फिर अंडरपास में जलभराव होता है। कई जगह मोटर की क्षमता कम होने के दिक्कत नही रहती है।

सीवर की समस्या 

उन्होंने बताया कि जिन इलाकों में सीवर लाइन काफी गहराई में बिछाई जाती है। ऐसे इलाकों में अंडरपास बनाते वक्त पानी निकासी के लिए कनेक्शन सीवर लाइन में दे दिया जाता है। पानी निकासी के लिए मोटर की वैकल्पिक व्यवस्ता नहीं की जाती। जब बारिश ज्यादा होती है तो सीवर लाइन पर दबाव बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में पानी निकासी में वक्त लगता है। उन्होंने बताया कि गाजियाबाद के लाइनपार विजयनगर क्षेत्र में बने गौशाला अंडरपास इसी श्रेणी में है। यह सीवर से पानी निकासी की व्यवस्था है, मोटर नहीं लगी है।

गाजियाबाद में यहां भरता है पानी

गोशाला अंडरपास : इस अंडरपास को बने एक दशक से ज्यादा हो गया। शुरुआत से इसमें बरसात के दिनों में पानी भर जाता है। इस कारण लाइनपार विजयनगर का क्षेत्र पुराने शहर से कट जाता है।

हिंडर रिवर मेट्रो स्टेशन अंडरपास : इस अंडरपास को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने बनाया है। इसमें भी जलभराव की समस्या रहती है। मोटर की क्षमता कम होने के कारण बरसात में यहां पानी भरता है।

साहिबाबाद रेलवे स्टेशन के पास अंडरपास : यह काफी पुराना अंडरपास है। यहां भी हर बारिश में पानी भर जाता है। आवजाही घंटों रुकी रहती है। यहां एक मोटर लगी है, जो पानी को नहीं फेंक पाती।

अधिकारी ने कहा

अंडरपास में पानी भरने की बड़ी वजह यही है कि संबंधित विभाग या संस्था उसमें लगी मोटर का रखरखाव ठीक कर नहीं करती। समय आने पर मोटर चलती नहीं है। जिससे पानी भर जाता है। कुछ जगह अंडरपास को सीवर से कनेक्ट कर दिया जाता है, वहां मोटर न लगाने से दिक्कत होती है।

आशीष शिवपुरी, चीफ आर्किटेक्ट एंड टाउन प्लानर, जीडीए

सही रखरखाव की आवश्यकता

अंडरपास में मोटर लगाई जाए, उसका सही रखरखाव किया जाए तो कभी पानी नहीं भरेगा। इसमें लापरवाही बरतने से ही बारिश के दिनों में अंडरपास में जलभराव की समस्या होती है।

मोइनुद्दीन, चीफ इंजीनियर, नगर निगम गाजियाबाद

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